
गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के सीमांचल दौरे पर बिहार पहुंच रहे हैं. अमित शाह के दौरे को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अमित शाह के दौरे से पहले सीमांचल में बढ़ती मुस्लिम आबादी के साथ ही एनआरसी, बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या का मुद्दा उठा दिया है और तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए महागठबंधन को घेरा है. वहीं जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेताओं के निशाने पर अमित शाह हैं.
लालू यादव, तेजस्वी यादव से लेकर उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह तक, अमित शाह पर लगातार हमले कर रहे हैं. लालू यादव और तेजस्वी यादव ने अमित शाह के दौरे पर तंज करते हुए कहा है कि वे लोगों को बांटने आ रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा है कि अब अमित शाह क्या लालू और नीतीश से सलाह लेकर बिहार आएंगे. बिहार में पूरी तरह खौफ का माहौल है. उन्होंने कहा कि यहां हर कोई मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनना चाहता है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमित शाह के दौरे से लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के नेता परेशान हैं. उन्होंने कहा कि अमित शाह देश के गृह मंत्री हैं और वे किशनगंज में सीमा की सुरक्षा देखेंगे. पूर्णिया में रैली की तैयारी हो रही है तो इसमें किसी को क्या परेशानी हो गई. रविशंकर प्रसाद ने चेतावनी देने वाले अंदाज में कहा कि नीतीश कुमार और लालू यादव सुन लें, हम बीजेपी को बिहार में और भी ज्यादा मजबूत करेंगे.
उन्होंने कहा कि बिहार भारत का अंग है और बिहार आने का सबको अधिकार है. सभी देशवासी यहां आ सकते हैं. गृह मंत्री देश में कहीं भी जा सकते हैं. इससे अवसरवादी गठबंधन के लोगों को परेशानी क्यों हो रही है. बिहार में बीजेपी अपने संगठन के विस्तार के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार के हर कोने में जाएगी, जनता को बताएगी कि अवसरवादी गठबंधन में मुख्यमंत्री बनने के लिए सब लोग बेकरार हैं. चारों तरफ खौफ का माहौल है. रंगदारी वसूली जा रही है. हत्या हो रही है. अपराध बढ़ गया है. बिहार से लोग अपना व्यापार समेटने में लगे हैं.
गिरिराज ने उठाया बढ़ती मुस्लिम आबादी का मुद्दा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुस्लिमों की आबादी में इजाफे का मुद्दा उठाया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि 1961 से लेकर 2022 तक सीमांचल क्षेत्र में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी घटी है जबकि मुसलमानों की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने इसके लिए बिहार सरकार को घेरा है. गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति की है जिस वजह से बांग्लादेशियों ने घुसपैठ की है और रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने की कार्रवाई भी इसी तुष्टिकरण के कारण नहीं की जा रही.
उन्होंने कहा कि इस वजह से सीमांचल क्षेत्र की जनसांख्यिकी में बदलाव देखने को मिल रहा है. गिरिराज सिंह ने जनसांख्यिकी में बदलाव को चिंता का विषय बताया है और कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या को जेडीयू और आरजेडी जैसी पार्टियां संरक्षण देती है. उन्होंने कहा कि 1961 और 2022 के बीच बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी कम हो गई है.
गिरिराज सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि आज आखिर ऐसा क्यों हुआ है? यहां रह रहे घुसपैठियों की पहचान करके उन्हें बाहर निकालने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केवल वोट चाहिए चाहे देश भाड़ में जाए. गिरिराज सिंह ने कहा कि बांग्लादेशी आकर यहां धर्मशाला बना लें मगर आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस को वोट करते रहिए तो यह पार्टियां उनका समर्थन करती रहेंगी.
4 जिलों की कुल आबादी में 47 फीसदी मुसलमान
आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार की कुल आबादी तकरीबन 1.08 करोड़ है. इसमें से कुल 47 फीसदी मुसलमान आबादी है जबकि बिहार में मुसलमानों की कुल आबादी 17 फीसदी है. सीमांचल में 1.08 करोड़ जनसंख्या में से तकरीबन 50 लाख की आबादी मुसलमानों की है.
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, मुस्लिम आबादी किशनगंज में सबसे अधिक 68 फीसदी, कटिहार में 44.5 फीसदी, अररिया 43 फीसदी और पूर्णिया में मुस्लिम आबादी 39 फीसदी है. इन आंकड़ों का हवाला देते हुए गिरिराज सिंह ने दावा किया कि सीमांचल क्षेत्र में पीएफआई जैसे संगठन फल-फूल रहे हैं और अगर बीजेपी उसका विरोध करती है तो उसे ध्रुवीकरण का नाम दिया जाता है. गिरिराज सिंह ने एक बार फिर से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत की.
अमित शाह आज के सरदार पटेल
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अमित शाह आज की तारीख में देश के सरदार वल्लभभाई पटेल हैं और उनका सीमांचल क्षेत्र में आना बहुत जरूरी है. बिहार सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि पीएफआई कहता है कि 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बना देंगे और इस पर विरोध किया जाए तो उस पर बोलना ध्रुवीकरण कहलाएगा? कड़े कानून से जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सकती है मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि जन जागरण से जनसंख्या में कमी आएगी जो कि भैंस के आगे बीन बजाने जैसी बात है.
घुसपैठियों को वोट बैंक समझता है महागठबंधन
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार को घेरते हुए कहा कि वे सीमांचल क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों को अपना वोट बैंक सलमझते हैं. सरकार इसीलिए उन्हें बाहर निकालने की कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले से जो घुसपैठ सीमांचल क्षेत्र में हो चुकी है, असर उसका आसपास के इलाकों में भी पड़ा है. नित्यानंद राय ने कहा कि घुसपैठ इस इलाके में चिंता का विषय रहा है. राज्य सरकार अगर मदद कर दे और तुष्टिकरण की राजनीति न करें तो इस इलाके में घुसपैठ को रोक सकते हैं.
पूर्व मंत्री की मांग- जल्द लागू हो एनआरसी
पूर्व मंत्री और बीजेपी के विधायक रामसूरत राय ने भी सीमांचल में जनसांख्यिकी बदलाव को देखते हुए जल्द से जल्द एनआरसी लागू करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा है कि गौ हत्या, पशु तस्करी और घुसपैठ यहां पर आम बात है और इसी को लेकर यहां की बड़ी आबादी भयभीत रहती है. रामसूरत राय ने कहा है कि उनको मुक्त कराना जरूरी है. जो लोग गो हत्या, पशु तस्करी में लिप्त हैं और घुसपैठिये हैं, उन्हें एक बात समझ लेनी चाहिए कि यहां से बाहर जाना ही पड़ेगा.
सीमांचल हमेशा से मुस्लिम बाहुल्य- AIMIM
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक डॉक्टर अख्तरुल इमान का कहना है कि सीमांचल क्षेत्र हमेशा से ही मुस्लिम बाहुल्य रहा है. उन्होंने इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठिये या रोहिंग्या मुसलमानों की मौजूदगी से इनकार किया और कहा कि सीमांचल क्षेत्र में जो बढ़ती आबादी दिखाई जाती है.
AIMIM विधायक ने आगे कहा कि यह केवल बच्चों की पैदाइश ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों के यहां आकर काम करने और बस जाने की वजह से भी है. इस क्षेत्र में आबादी बढ़ने की एक वजह निरक्षरता भी है जो यह दर्शाता है कि यह इलाका अभी भी गरीब और पिछड़ा है. अगर इस इलाके का विकास होगा, स्कूल और कॉलेज खुलेंगे, रोजगार के अवसर मिलेंगे तो आबादी खुद-ब-खुद घट जाएगी. अगर इस इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं तो सरकार उनको चिन्हित क्यों नहीं करती? मैं दावे से कह सकता हूं कि इस इलाके से बांग्लादेशियों का कोई लेना-देना नहीं है.