बिहार सरकार ने दावा किया है कि 264 करोड़ की लागत से बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है. सरकार की ओर से बकायदा एक वीडियो जारी किया गया है. मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल में 3 छोटे ब्रिज हैं. सत्तरघाट ब्रिज से 2 किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है.
बिहार सरकार की ओर से जारी वीडियो में कहा गया कि सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है. सत्तर घाट मुख्य पुल से करीब दो किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लंबाई के छोटे पुल का पहुंच पथ कट गया है. यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अंदर है.
बिहार: पानी में बहा 264 करोड़ का पुल, 16 जून को हुआ था उद्घाटन
बिहार सरकार ने कहा कि गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर से ज्यादा है. इस कारण पुल का सड़क का हिस्सा कट गया है. यह अप्रत्याशित पानी के दबाव के कारण हुआ. इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है. मुख्य पुल पूरी तरह से सुरक्षित है. पानी दबाव कम होने पर यातायात चालू कर दिया जाएगा.
8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया।
ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है।इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है pic.twitter.com/cnlqx96VVQ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 15, 2020
बिहार सरकार ने कहा कि इस योजना में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. यह प्राकृतिक आपदा है, विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. इससे पहले पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है. बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है. यह प्राकृतिक आपदा है. इसमें तो सड़कें बह जाती है, पुल टूट जाते हैं.
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क्या है पूरा मामला
गंडक नदी में आई बाढ़ से गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में छपरा- सत्तरघाट मुख्य पथ को जोड़ने वाले छोटे पुल का एक हिस्सा गिर गया. 2012 में इस पूरे प्रोजेक्ट निर्माण शुरू हुआ था. 264 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ और पिछले 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने वर्चुअल तकनीक से इस महासेतु का उद्घाटन किया.