बिहार में तेजी से बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आरजेडी का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिला. पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा और राज्य में नीतीश कुमार सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठाई.
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में तेजस्वी यादव ने बक्सर के नंदन गांव में दलितों के ऊपर हो रहे अत्याचार के मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि पिछले 15 दिनों में नीतीश सरकार ने दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर बेइंतहा जुल्म ढाना शुरू कर दिया है. तेजस्वी ने कहा कि पिछले साल जुलाई में महागठबंधन की सरकार गिरने के पहले और एनडीए की नई सरकार बनने के बाद के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि एनडीए के नेताओं ने प्रशासनिक अमले के माध्यम से बर्बरता की घटनाओं को ऐसे अंजाम दिया है जो ना सिर्फ रोंगटे खड़े करता है बल्कि एक सभ्य समाज की आस्थाओं पर प्रहार भी करता है.
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में तेजस्वी ने कहा कि बक्सर के नंदन गांव के महादलितों के ऊपर जिस तरीके से पुलिसिया कहर देखने को मिल रहा है उससे पूरा बिहार दहशत में है. गौरतलब है कि नंदन गांव में ही विकास समीक्षा यात्रा के दौरान वहां के स्थानीय लोगों ने नीतीश कुमार के काफिले पर जानलेवा हमला किया था.
इसके अलावा ज्ञापन में तेजस्वी ने कहा है कि बिहार के सभी जिलों में रंगदारी, लूट और अपहरण की खबरें पिछले 6 महीने में रूटीन हो गई हैं. तेजस्वी ने कहा कि अपराधी राज्य में खूनी वारदातों को बेखौफ होकर अंजाम देते हैं और प्रशासनिक अमला शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर उसकी लीपापोती करने में लगा है.
ज्ञापन में तेजस्वी ने पिछले 6 महीने में उजागर हुए घोटालों का भी जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है मानो बिहार में घोटालों की बाढ़ आ गई है. सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, धान खरीद घोटाला, डस्टबिन घोटाला, एलईडी घोटाला का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि इन घोटालों में ऐसे कई घोटाले हैं जिसमें सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग की भागीदारी और हिस्सेदारी स्पष्ट है.
इन बातों का जिक्र करते हुए इस तेजस्वी यादव ने ज्ञापन में राज्यपाल सतपाल मलिक से आग्रह किया है कि वह नीतीश सरकार को बर्खास्त कर एक ऐतिहासिक निर्णय लें ताकि इस दमनकारी सरकार से गरीबों को निजात मिल सके.