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पेंशन भोगियों को बिहार में थमा दिए गए 500 के पुराने नोट

सरकारी मुलाजिमों द्वारा कालाधन को सफेद करने का काला खेल खेलने का ताजा मामला है बिहार के औरंगाबाद जिले का. जिले के गोह प्रखंड के दादर पंचायत के पंचायत सेवकों ने विधवा और वृद्धा पेंशन के नाम गरीब लाभान्वितों के बीच सभी नियम और कानून को ताक पर रखकर पांच सौ के पुराने नोट वितरित कर दिए.

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लोगों ने किया हंगामा
लोगों ने किया हंगामा

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देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से कालाधन को सफेद करने का काला खेल पूरे देश में बदस्तूर जारी है और बिहार भी उससे अछूता नहीं है. लेकिन बिहार में कालाधन को सफेद करने का काला खेल खेलने में बिहार सरकार के मुलाजिम भी किसी से पीछे नहीं है. सरकार के मुलाजिमों द्वारा इस खेल को खेले जाने में पिस रही है बिहार की गरीब जनता.

सरकारी मुलाजिमों द्वारा कालाधन को सफेद करने का काला खेल खेलने का ताजा मामला है बिहार के औरंगाबाद जिले का. जिले के गोह प्रखंड के दादर पंचायत के पंचायत सेवकों ने विधवा और वृद्धा पेंशन के नाम गरीब लाभान्वितों के बीच सभी नियम और कानून को ताक पर रखकर पांच सौ के पुराने नोट वितरित कर दिए. पंचयात सेवकों द्वारा लाभान्वितों के बीच पांच सौ के पुराने नोट बांटे जाने के मामले का भंडाफोड़ होने के बाद से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और सभी पंचायत सेवकों के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे.

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दरअसल विधवा और वृद्धा पेंशन का भुगतान लाभान्वितों के बीच नकद न कर उनके खाता में भेज कर करने का प्रावधान है. लेकिन पंचयात सेवकों द्वारा पांच सौ के पुराने नोट को खपत करने के गलत नियत से सभी लाभान्वितों को पंचायत में बुलाया गया और सबों के बीच पुराने नोट को बांट दिया गया. लाभान्वितों में से किसी ने इसका भंडाफोड़ कर दिया कि 500 के पुराने नोट का चलन बंद हो जाने के बाद भी पेंशन के रूप में इस रुपये का भुगतान क्यों किया गया, फिर क्या हंगामा शुरू हो गया. प्रखंड विकास पदाधिकारी के हस्तक्षेप और लाभान्वितों से पुराने नोट वापस लेने के बाद मामला शांत हुआ.

प्रखंड विकास पधाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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