ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का विवाद अब बिहार पहुंच चुका है. जदयू नेता ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हो रही कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जदयू का साफ कहना है कि ये ठीक नहीं हो रहा है. इसकी वजह से पूरे देश में विवाद बढ़ेगा. बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने ज्ञानवापी मस्जिद बनारस में हो रहे पूरे कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि यह देश के लिए उचित नहीं है.
जदयू ने सवाल उठाया, बीजेपी में उत्साह
ज्ञानवापी के कारण देश में सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा. इधर, बीजेपी नेताओं में काफी उत्साह है. बीजेपी नेता ज्ञानवापी पर हो रही कार्रवाई को लेकर काफी उत्साहित हैं, बीजेपी नेताओं का मानना है कि तीस हजार से अधिक हिंदू मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. इसलिए जो हो रहा है, वो ठीक हो रहा है.
वहीं दूसरी ओर ज्ञानवापी मसले पर जदयू नेता इतर विचार रख रहे हैं. जदयू नेताओं का बयान है कि सभी को संविधान के मुताबिक चलना चाहिेए.
'भाईचारा न बिगाड़ा जाए'
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खान का कहना है कि किसी भी समुदाय को तकलीफ नहीं होनी चाहिए. हिंदुस्तान के अंदर ऐसा कुछ ना हो कि जिससे भाईचारा बिगड़ जाए. ज्ञानवापी में जो हो रहा है वह पूरा देश देख रहा है .उन्होंने साफ किया है कि यदि ऐसा होता रहा, तो भाई चारा खत्म हो जाएगा. बात मंदिर मस्जिद की करने से बेहतर है कि बात विकास की होनी चाहिए. इधर इस मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक कोई भी बयान देने से बच रहे हैं.
बयान से बच रहे सीएम नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री से जब ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पत्रकारों ने पूछा, तो उनका साफ कहना था कि इस पर हमारी राय क्यों ले रहे हैं. आपलोग अपनी ही राय रखिए. उधर, मंत्री जमा खान के धार्मिक सद्भाव बिगड़ने के मामले पर बिहार सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार ने तंज कसा और कहा कि देश संविधान पर चलता है.
जाति के आधार पर नही चलता है. जिस संविधान पर देश चल रहा है. उससे खतरा कहने वाले तथाकथित लोगो को अब जनता नोटिस नही लेती है. वही मंत्री ने कहा देश संविधान से बंधा है. जो संविधान को नही मानते है. उसके बारे में क्या कहना है. उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रवाद पर चलती है. लेकिन समाज के कुछ असंतुष्ठ लोग है जो देश को तोड़ना चाहते है. खण्ड-खण्ड करना चाहते है.
जदयू और बीजेपी नेताओं के तल्ख बयान
कुल मिलाकर बिहार में ज्ञानवापी को लेकर सियासी चर्चा शुरू हो गई है. जदयू और बीजेपी नेताओं के तल्ख बयान लगातार सामने आ रहे हैं. यूपी वैसे भी बिहार का पड़ोसी राज्य है. और यूपी के किसी भी बात का असर राजधानी पटना में दिखता है. ज्ञानवापी को लेकर अभी तक बिहार में बयानबाजी नहीं शुरू हुई थी, लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के बयान देने के बाद इसमें बाकी नेता भी कूद रहे हैं.