17 साल तक चले बीजेपी और जेडीयू गठबंधन के टूटने के बाद अब बिहार बीजेपी में भी फूट की खबर है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में आधा दर्जन विधायक शामिल नहीं हुए. गौरतलब है कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. इस बीच खबर यह भी है कि कांग्रेस विधायक नीतीश को समर्थन दे सकते हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है और इससे पहले बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन उसमें पार्टी के 6 विधायक प्रेम कुमार, राणा गंगेश्वर, अमरनाथ गामी, वीना सिंह, अविनाश कुमार और विक्रम कुंवर नहीं आए. नीतीश को बहुमत साबित करने के लिए 4 और विधायकों का समर्थन चाहिए और बीजेपी के आधा दर्जन विधायकों के बैठक में ना जाने से अटकलों का बाजार गर्म है.
इस बीच बीजेपी विधायकों ने इस बैठक में नंद किशोर यादव को विधायक दल का नेता चुना और वे विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे. बीजेपी का कहना है कि जनता ने एनडीए को अपना वोट दिया था और गठबंधन टूटने से जनता के फैसले का अपमान हुआ है. बीजेपी ने कहा कि वह नीतीश कुमार के फिर से विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया का विरोध करेगी.
दोस्त से दुश्मन बनने के बाद जेडीयू और बीजेपी विधायकों का बुधवार को पहली बार विधानसभा में आमना-सामना होगा. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है ताकि वो सदन में अपना बहुमत साबित कर सके.
आंकड़ों पर गौर करें तो नीतीश के लिए विश्वास मत हासिल करना काफी आसान है. 234 सीटों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू को बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. जेडीयू के पास 118 विधायक हैं और उसे 4 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है. वहीं, बीजेपी विधायकों के मीटिंग से नदारद रहने के बाद अब नीतीश के लिए रास्ता और आसान दिख रहा है.
आरजेडी मुखिया लालू यादव ने विश्वास मत के दौरान नीतीश के खिलाफ वोट देने का एलान तो किया है, लेकिन उन्हें भी मालूम है कि नंबर नीतीश के साथ है. नीतीश का विश्वास मत हासिल करना इसलिए भी आसान है क्योंकि कांग्रेस के चार विधायकों ने वोटिंग में शामिल न होने का मन बनाया है. इतना ही नहीं सीपीआई के 1 विधायक ने नीतीश को समर्थन देने की बात कही है.
निर्दलीय विधायक ‘विनय बिहारी, पवन कुमार जायसवाल, दुलाल चंद गोस्वामी और सोमप्रकाश सिंह’ जेडीयू की बैठक में शरीक होने के लिए एक कार में सवार होकर मुख्यमंत्री के एक अणे मार्ग स्थित आवास पहुंच थे. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और नीतीश कुमार मौजूद थे.
रोहतास जिले के डेहरी से ज्योति रश्मि नाम की निर्दलीय विधायक बैठक में शरीक होने के लिए नहीं आईं. वहीं, छठे निर्दलीय विधायक दिलीप वर्मा पहले ही भाजपा का साथ देने की घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी देश की जरूरत हैं.’ जेडीयू के 118 विधायकों के अलावा सदन में छह निर्दलीय, बीजेपी के 91, आरजेडी के 22, कांग्रेस के 4, एलजेपी और सीपीआई के एक-एक विधायक हैं.