सुशासन बाबू के नाम से मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य मंत्री पर अपने पद का दुरुपयोग कर अपनी बेटी को नौकरी दिलाने का आरोप लगा है. यह आरोप किसी और ने नहीं उनके पुराने सहयोगी और अब विपक्ष के नेता सुशील मोदी ने लगाया है.
सुशील मोदी ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह पर आरोप लगाया है कि इन्होंने पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईजीआईएमएस) में अपनी बेटी को लाइब्रेरियन के पद पर बहाल करवा दिया.दरअसल बीते साल आईजीआईएमएस में एक लाइब्रेरियन के पद पर वैकेंसी निकाली गई. इस वैकेंसी में उन तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया जो इस पद के लिए मान्य होते हैं. इतना ही नहीं दर्जनों योग्य उम्मीदवारों में से सिर्फ मंत्री जी की बेटी का ही चयन इस पद के लिए किया गया.
हमारी सरकार आई तो कराएंगे जांच
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने तो मंगलवार को इसे घोटाला करार देते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी और कार्रवाई की जाएगी. मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री रामधनी ने अपने कलम से अपनी बेटी को नौकरी दी है वो भी उसे जो इस पद के लिए जरूरी योग्यता भी नहीं रखती.
मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा, 'मंत्री की बेटी की उम्र 37 साल है जबकि इस पद के लिए 18 से 30 साल की अर्हता होती है. साथ ही मेडिकल कॉलेज के लिए साइंस ग्रेजुएट होना अनिवार्य है. मंत्री जी की बेटी साइंस ग्रेजुएट भी नहीं है. ठेके पर नौकरी देकर उसे गैरकानूनी तरीके से नियमित करवा दिया गया. यह एक स्कैम है और इसकी जांच होनी चाहिए..'