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बिहार के समस्तीपुर जिले में भारी बारिश तबाही बनकर आई है. लगातार बारिश की वजह से शहर में सड़कें डूब गई हैं, वहीं सरकारी दफ्तरों के भीतर पानी भर गया है. भारी जल-जमाव की वजह से लोगों का सड़क पर निकलना दूभर हो गया है. लोग न तो पैदल सड़क पर निकल पा रहे हैं, न ही वाहन से. शहर में ठहरे पानी पर डीएम ने आपातकालीन बैठक भी शनिवार को बुलाई.
एसडीओ आवास के बाहर तैनात सुरक्षा गार्ड ने कहा, 'पानी से पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो गया है. पूरे आवास में पानी भरा हुआ है. गार्ड रूम में पानी जमा है. पानी की वजह से लोग खाना तक नहीं बना सके हैं.'
जिले में ही बने अग्निशमन कार्यालय का भी यही हाल है. हर साल होने वाली बारिश की वजह से ऐसी ही स्थिति यहां बन पड़ती है. कार्यालयों में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. अधिकारी भी अपनी विवशता जाहिर करते हैं.
फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, 'पानी में रहने के लिए हम मजबूर हैं. पानी घटता नहीं है, उससे पहले बारिश हो जाती है. हम पानी निकालते-निकालते थक गए हैं. डर लग रहा है कि हम बीमार न पड़ जाएं. कर्मचारी ढंग से खाना नहीं खा पा रहे हैं. बीते साल से हम लगातार प्रशासन को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कह रहे हैं. अधिकारी सुन नहीं रहे हैं. इसी में काम करने को हम मजबूर हैं.'
शहर में दिख रहा बाढ़ का नजारा
एक रात की बारिश में शहर जलमग्न हो गया है. शहर के ज्यादातर मोहल्लों में जलभराव हो गया है. अग्निशमन कार्यालय, जिला गृह रक्षा कार्यालय, डीएसपी आवास, अतिथि विश्राम गृह, डीआरएम कार्यालय और आरक्षण कार्यालयों में भी पानी भरा है.
डीएम ने बुलाई इमरजेंसी बैठक
शहर में जलभराव पर डीएम ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. बैठक में जलनिकासी पर मंथन हुआ. इस बैठक में जिले के सभी पार्षद शामिल रहे. यही समस्या बीते साल भी सामने आई थी. इसे लेकर डीएम ने नगर विकास विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ पत्र भी लिखा था, जिसके बाद ईओ का निलंबन भी हुआ था. लेकिन एक ही बारिश में जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुलकर सामने आ रही है.