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शराबबंदी को लेकर HC के फैसले को नीतीश सरकार ने SC में दी चुनौती

पटना हाई कोर्ट ने 30 सितंबर को बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर पांच अप्रैल को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया था. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार सरकार ने 2 अक्टबूर को नए मद्य निषेद्य और उत्पाद अधिनियम 2016 तो लागू कर दिया, साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी.

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7 अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई
7 अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई

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एक तरफ बिहार सरकार ने पटना हाई कोर्ट के शराबबंदी कानून को रद्द किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, तो दूसरी ओर बिहार सरकार द्वारा रविवार को लागू नए शराबबंदी कानून को भी पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 7 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

पटना हाई कोर्ट ने 30 सितंबर को बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर पांच अप्रैल को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया था. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार सरकार ने 2 अक्टबूर को नए मद्य निषेद्य और उत्पाद अधिनियम 2016 तो लागू कर दिया, साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी.

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किसने दायर की याचिका?
सोमवार को पटना हाई कोर्ट में उसी याचिकाकर्ता डॉ. राय मुरारी की ओर अधिवक्ता अमरेश कुमार सिंह ने बिहार सरकार के नए शराबबंदी कानून को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है. पटना हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई की तारीख निर्धारित नहीं की गई है. याचिकाकर्ता के वकील अमरेश सिंह ने बताया कि याचिका इस बात को लेकर नहीं दायर की गई है कि शराबबंदी लागू होना चाहिए या नहीं, बल्कि याचिका इस बात को लकर दायर की गई है कि नए कानून में आम नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है साथ ही कानून ऐसे बनाए गए हैं जो प्रजातंत्र के लिए घातक है.

नीतीश ने क्या कहा था?
पटना हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. उसी के तहत बिहार सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. 2 अक्टूबर को बिहार में बिहार मद्य निषेद्य और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, 'सरकार बिहार को शराबमुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. यही वजह है कि नए कानून बिहार मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2016 को तत्काल प्रभाव से गांधी जयंती के मौके पर लागू कर दिया गया. बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 को पिछले मानसून सत्र में ही विधानमंडल के दोनों सदनों से मंजूरी मिली थी, उसके बाद राज्यपाल ने भी इस कानून पर अपनी मुहर लगा दी.

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