जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा है कि उन्हें हिंदू धर्म का विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं, बल्कि कर्मकांड और आंडबर का विरोध करते हैं.
चुनाव लड़ने के सवाल पर कन्हैया ने मंगलवार को कहा, 'अगर पार्टी और महागठबंधन मुझे बेगूसराय से चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो जरूर चुनाव लड़ेंगे.' पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सीपीआई की तरफ से 25 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान में एकता रैली आयोजित होने वाली है.
कन्हैया ने कहा कि यह रैली किसी पार्टी का करियर बनाने के लिए नहीं बल्कि देश को बचाने के लिए है. यह रैली देश को बचाने और बीजेपी को हराने के लिए है. इसमें सभी विपक्षी दलों के आमंत्रित किया गया है. कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद इसमें शामिल हो सकते हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव को भी इसमें न्योता दिया गया है.
मगर तेजस्वी यादव ने अभी तक आपके पक्ष में कोई ट्वीट क्यों नहीं किया? इस सवाल कन्हैया ने कहा कि सब काम ट्वीट से नहीं होता. वह (तेजस्वी) अभी यात्रा में लगे हैं. अगर ट्वीट से ही हर जानकारी देनी होती तो कोई प्रेसवार्ता क्यों करता?
कन्हैया ने कहा, 'बेगूसराय की घटना की आड़ में मुझे हिन्दू विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है. मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं हूं बल्कि कर्मकांड और आडम्बर का विरोधी हूं. मेरे खिलाफ एक फर्जी वीडियो जारी कर बदनाम किया जा रहा है.' बता दें कि हाल ही में धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में कन्हैया के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.
एफआईआर में वायरल वीडियो का हवाला देकर आरोप लगाया गया है कि कन्हैया ने हिन्दू-देवी देवताओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है. कन्हैया ने उस आरोप पर सफाई दी और कहा कि वीडियो नकली है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और बजरंग दल से जुड़े लोगों ने उन पर बेगूसराय में हमला किया था. हालांकि कन्हैया ने नीतीश कुमार के लिए मध्य मार्ग अपनाया और उन्हें लेकर नरम दिखे.