बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मधेपुरा में अपनी संपर्क यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. जेडीयू नेता ने कहा, 'बिहार में बिजली आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए हमने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन इस बात का फायदा नरेंद्र मोदी उठा ले गए.'
संपर्क यात्रा के दौरान जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, 'बिजली दिए हम और वोट ले गए वो.' उन्होंने कहा कि उनके ज्यादा से ज्यादा बिजली आपूर्ति के प्रयास ने लोगों को लंबी अवधि तक टेलीविजन देखने का अवसर दिया और टीवी पर लुभावने प्रचार के जरिए नरेंद्र मोदी ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में बिहार के वोटरों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया.'
इसी साल मई महीने में संपन्न लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के 31 सीटों पर विजय हासिल करने पर अपनी पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था. मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से आरजेडी उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के हाथों पराजित होने वाले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को भी इस कार्यक्रम में भाग लेना था पर वे कुहासे के कारण प्रदेश की राजधानी पटना से मधेपुरा नहीं पहुंच पाए.
धर्मांतरण के मुद्दे पर बोलते हुए नीतीश ने बीजेपी पर वोट की खातिर देश में 15 फीसदी आबादी वाले अल्पसंख्यकों का भय दिखाकर 85 प्रतिशत आबादी वाले बहुसंख्यक हिंदू समाज को डराने का आरोप लगाया. अगले वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व बीजेपी द्वारा सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने की आशंका व्यक्त करते हुए नीतीश ने जदयू कार्यकर्ताओं को उनके नापाक इरादे को नाकाम करने के लिए तैयार रहने को कहा.
इस अवसर पर नीतीश ने लोकसभा चुनाव के समय कालाधन को देश में वापस लाने और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष ध्यान दिए जाने के वादे से संबंधित नरेंद्र मोदी के ऑडियो टेप सुनाए.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने सभी गरीब के बैंक खाते में 15 से 20 लाख रुपये डालने के वादे को क्या पूरा किया? नीतीश ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और इस प्रदेश पर विशेष ध्यान देने के बजाए केंद्र सरकार ने इंदिरा आवास और मनरेगा की राशि घटा दी है.