पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने सनसनीखेज खुलासा किया है. आतंकियों का कहना है कि गुजरात में नरेंद्र मोदी पर हमला मुश्किल था इसलिए ब्लास्ट के लिए पटना को चुना गया. इम्तियाज से पूछताछ का वीडियो 'आज तक' के पास मौजूद है.
पिछले साल 27 अक्टूबर को पटना में हुई बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद पकड़े गए आतंकियों ने पूरी साजिश का खुलासा किया है. 'आज तक' के पास मौजूद वीडियो के मुताबिक पटना ब्लास्ट के आरोपी ताबिश और इम्तियाज की पूछताछ में पूरी साजिश परत-दर-परत खुलती गई. इन दोनों आतंकियों ने माना कि उनके निशाने पर नरेंद्र मोदी थे और चूंकि गुजरात में उन्हें टारगेट करना मुश्किल था, ऐसे में हमले के लिए पटना ही सबसे मुफीद जगह थी. आतंकियों ने ये भी बताया कि इस रैली को निशाना बनाने के पहले गांधी मैदान की रेकी की गई और बड़ी आसानी से बम लगाए गए.
रैली के ऐलान के बाद बनाई योजना
इम्तियाज अंसारी गांधी मैदान ब्लास्ट से ठीक पहले और पटना जंक्शन पर हुए ब्लास्ट के तुंरत बाद पकड़ा गया था जबकि ताबिश 29 अक्टूबर को पकड़ा गया था. इन दोनों को आमने सामने बिठाकर हुई पूछताछ का वीडियो 'आज तक' के पास है. ताबिश ने कबूल किया कि पटना ब्लास्ट की पूरी साजिश अप्रैल 2013 में रांची में इम्तियाज और नोमान के घर रची गई थी. इसका कहना है कि मोदी से बदला लेने के लिए इनकी शुरू से ही प्लानिंग थी. ये ऐसी जगह की तलाश में थे जहां मोदी को आसानी से निशाना बना सकें और बच निकलें. जब मोदी की पटना रैली की तारीख की घोषणा हुई तो इन्होंने गांधी मैदान का मुआयना किया.
मोनू लेकर आया था सारे बम
ताबिश और इम्तियाज ने ये खुलासा तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के हवाले से किया है. एनआईए और पटना पुलिस दोनों ने मोनू को ही इन सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना था. इम्तियाज ने इस खुलासे में माना कि मोनू ने ही उसे हमले के लिए तैयार किया और वो खुद भी न सिर्फ गांधी मैदान में मौजूद था बल्कि मोनू ही सारे बम लेकर पटना आया था. इम्तियाज ने कहा कि हिंदू-मुसलमान दंगे में मुसलमान मारे गए, उसी का बदला लेने के लिए मोदी आतंकवादियों के निशाने पर हैं.