दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान से लेकर गुजरात तक विभिन्न राज्यों में इस साल खूब बारिश हुई है. मॉनसून की बरसात में कई शहरों में बाढ़ की स्थिति देखने को मिली लेकिन बिहार में इस बार मॉनसून रूठ सा गया है. कभी बाढ़ के लिए चर्चित रहने वाले बिहार में इस साल जुलाई महीना खत्म होने तक सामान्य से आधी बारिश भी रिकॉर्ड नहीं की जा सकती है.
बिहार में सामान्य से कम बरसात
मौसम विभाग (IMD) ने जुलाई के अंतिम हफ्ते को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया था, वह भी गलत साबित हुआ है. राज्य में मॉनसून सक्रिय तो हुआ लेकिन बारिश ने अभी तक जोर नहीं पकड़ा. बता दें कि बिहार में इस साल मॉनसून की शुरुआत अच्छी बारिश से हुई थी लेकिन बाद में बरसात कम होने की वजह से प्रदेश में अभी सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश से रिकॉर्ड की गई है. बिहार में अब तक 254.7 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य 494.4 एमएम से लगभग 48 फीसदी कम है.
बादल छाए लेकिन दूर रही बारिश
मौसम विभाग में शनिवार और रविवार के लिए बिहार के 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था. बादल भी छाए लेकिन बारिश बेहद कम हुई. कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई तो कई जगहों पर अभी भी सूखे की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, रविवार को राज्य के कई जिलों में मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई है. राज्य की राजधानी पटना में पिछले 24 घंटे के दौरान 15 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई.
बिहार में क्यों नहीं हो रही बारिश?
IMD की मानें तो बिहार में मॉनसून का सिस्टम तो एक्टिव है लेकिन बादल छाने के बावजूद बारिश नहीं हो रही है. मौसम वैज्ञानिक इसे मौसम के सिस्टम में आए बदलाव का कारण भी मान रहे हैं. बिहार में कम बारिश का असर खेती पर भी देखने को मिल रहा है.
बिहार में कब होगी बारिश?
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले कुछ दिनों के लिए बिहार के कई जिलों में भारी बारिश और कई जिलों में सामान्य बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, अगले 24 घंटे में बिहार के दक्षिण पश्चिमी जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. गया, नवादा, जमुई के साथ-साथ औरंगाबाद, किशनगंज और शेखपुरा में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है.
बिहार सरकार इसके लिए पहले से ही तैयार है. राज्य सरकार ने डीजल अनुदान के साथ-साथ किसानों के लिए ग्रामीण इलाकों में निर्बाध बिजली आपूर्ति जारी रखने का निर्देश दिया है. अगस्त के पहले और दूसरे हफ्ते में अगर बारिश ने जोर नहीं पकड़ा तो संभव है कि बिहार इस बार सूखे की चपेट में आ जाए.