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बिहार: RJD की 'सियासी सेहत' ठीक रखने के लिए लालू का स्वस्थ रहना जरूरी, आज भी वही हैं पार्टी की धुरी

बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की तबीयत में सुधार हुआ है. मीसा भारती ने ट्वीट कर लालू यादव की फोटो शेयर की है. वह एक कुर्सी पर बैठे हैं. उनकी तबीयत पहले से ज्यादा बेहतर नजर आ रही है. उन्होंने कहा,'' मेरे पिता को हर मुसीबत से लड़कर बाहर आने की कला आती है.''

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राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा लालू यादव से मिले
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली एम्स में भर्ती हैं राजद सुप्रीमो, सेहत में सुधार
  • सीढ़ियों से उतरते समय गिरने से हो गए थे जख्मी

बिहार की सियासत की धुरी कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव तबीयत नासाज होने की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं. कहते हैं कि बिहार में परिवर्तन की लहर हो या सियासी उठा-पटक किसी भी राजनीतिक कड़ी से लालू का हमेशा जुड़ाव रहा है. राजद के सियासी स्वास्थ्य और तेजस्वी के भावी राजनीतिज्ञ के रूप में परिपक्व होने के लिए लालू यादव का स्वस्थ रहना जरूरी है.

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लालू आज भी पार्टी के अभिभावक की भूमिका में हैं. लालू तेजस्वी को बैक सपोर्ट देते हैं. आज भी पार्टी के अहम फैसले उनसे होकर गुजरते हैं. हाल में जब पार्टी नंबर दो पहुंची, तो वह तेजस्वी नहीं लालू की रणनीति थी, जिससे ओवैसी की पार्टी के विधायकों की घर वापसी हुई.

राजनीतिक फैसले वही लेते हैं

लालू ने हाल में राज्यसभा चुनाव में तमाम कयासों को विराम देते हुए मीसा भारती के नामांकन के लिए विधानसभा तक पहुंच गए थे. कई मायनों में पार्टी के सियासी फैसले भले इन दिनों तेजस्वी ले रहे हों, लेकिन उन्हें सलाह देना और राजनीतिक फैसलों को अमल में लाने का जिम्मा लालू के कंधों पर ही है.

लालू सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. वहीं लालू परिवार के अंदर तेज प्रताप अपनी हरकतों से हमेशा चर्चा में रहते हैं. ऐसे में लालू को ही आगे आकर उन्हें समझाना पड़ता है.

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लालू आज भी राजद की पहचान

तेजस्वी के हाथों में राजद की बागडोर देने का एनाउसमेंट भले ही लालू ने किया हो, लेकिन अभी भी लगाम लालू के हाथ में है. राजद के पूरी तरह परिपक्व होने के लिए लालू पार्टी की बड़ी ताकत हैं. आज भी राजद की पहचान लालू से ही है.

सियासी जानकार एक उदाहरण देकर कहते हैं कि आज भी नेता जब राजद छोड़ते हैं तो लालू को संबोधित करके पत्र लिखते हैं न कि तेजस्वी को. इसलिए राजद और तेजस्वी के साथ लालू परिवार के भविष्य के लिए लालू का स्वस्थ्य रहना जरूरी है.

लालू ने परिवार के अहम फैसले आज भी खुद से करते हैं. उन्होंने पार्टी की छवि सुधारने के लिए अपने सालों को भी छोड़ दिया. रिश्तेदारों की एंट्री पार्टी में बंद कर दी, ताकि बदनामी न हो. यहां तक की साधु-सुभाष को तेजस्वी की शादी में नहीं बुलाया. लालू समाज को जोड़ने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं, इसीलिए लोग पार्टी से जुड़े हैं.

सीढ़ियों से गिर गए थे लालू यादव

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड पर लालू यादव सीढ़ियों से गिर गए थे. इससे उनके दाएं कंधे में फ्रैक्चर हो गया था और कमर में भी चोट आई थी.

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रविवार को लालू एक निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद वापस घर आ गए थे लेकिन सोमवार सुबह तड़के 3 बजे उनकी हालत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मेडिकल हिस्ट्री को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस के जरिए लालू को एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया है. 

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