
बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर राजनीत छिड़ी हुई है. बीजेपी लगातार बिहार के शिक्षा मंत्री के बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है. इसी दौरान बुधवार को बीजेपी से एमएलसी हरि साहनी के नेतृत्व में दरभंगा में शिक्षा मंत्री का अर्थी निकाली गयी.
इस अर्थी जुलूस में सनातन धर्म के रीति रिवाज से मुखाग्नि दी गई. बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने हाथ में अग्नि के साथ कफन और उतरी डाल रखे थे. शिक्षा मंत्री की यह शव यात्रा दरभंगा के लहेरियासराय टावर से चलकर लोहिया चौक तक गई. इसके बाद लोगों ने शिक्षा मंत्री के पुतला का बीच सड़क पर दाह-संस्कार कर दिया. पूरे शव यात्रा के दौरान शिक्षा मंत्री और बिहार सरकार के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की.
सनातन धर्म को मानने वाले ही सनातन धर्म पर करते हैं हमला
शव यात्रा में शामिल बीजेपी के एमएलसी हरि सहनी ने बताया कि जैसे ही नेताओं का जनाधार घट जाता है, वैसे ही नेता सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगते हैं. उन्होंने ऐसे नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा सनातन धर्म के मानने वाले लोगों के धैर्य की परीक्षा न लें. सनातन धर्म को मानने वाले लोग ही सनातन धर्म पर हमला कर रहे हैं. पूरी दुनिया सनातन धर्म और रामचरितमानस को पूजती और मानती है.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 'रामचरितमानस' को बताया था नफरत फैलाने वाला ग्रंथ
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 'रामचरितमानस' को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ कहा था.
बयान देने के बाद जब उनसे इस संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहे गए अपने शब्दों को सही बताया. उनके इस बयान पर का विरोध भी होना शुरू हो गया है.