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सृजन घोटाले में बिहार के डिप्टी CM सुशील मोदी की बहन के यहां इनकम टैक्स के छापे

राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर सृजन घोटाले को लेकर कई बड़े आरोप लगाए थे. दोनों नेताओं के बीच ट्विटर पर इस मसले पर बहस भी हो चुकी है.

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (फाइल फोटो)
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (फाइल फोटो)

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बिहार के भागलपुर में हुए सृजन घोटाले से जुड़े मसले में गुरुवार को इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की. IT विभाग ने पटना में गुरुवार को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की चचेरी बहन रेखा मोदी के दफ्तर पर छापे मारे की. इनकम टैक्स के अलावा इस छापेमारी में बिहार पुलिस की टीम भी मौजूद है.

बता दें कि राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लगातार सुशील मोदी पर इस घोटाले में सम्मिलित होने का आरोप लगाए थे.

दूसरी ओर, बहन रेखा के घर छापे पर सफाई देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'चचेरी बहन रेखा मोदी के साथ उनका किसी तरह का कोई  रिश्ता नहीं है और मेरा उनसे किसी भी तरह का आर्थिक या बिजनेस स्तर पर कोई संबंध नहीं है. वह अपने भाई के साथ कई आपराधिक और अन्य मामलों में संलिप्त हैं. इसी तरह के एक मामले में मेरा भी नाम घसीटा जा रहा है. मैं पिछले 10 सालों में उनसे नहीं मिला.'

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इससे पहले इस साल जून में ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर कुछ कागजात शेयर करते हुए बड़े आरोप लगाए थे. उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया था कि सृजन घोटाले में सुशील मोदी के रिश्तेदारों की सहभागिता है. तेजस्वी ने ट्विटर के जरिए कुछ दस्तावेजों के प्रति भी पोस्ट की है. इन दस्तावेजों में सृजन घोटाले में प्रयोग किए गए बैंक अकाउंट के डिटेल दिए गए हैं.

राबड़ी ने मांगा था नीतीश-सुशील का इस्तीफा

तेजस्वी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इस मसले की निष्पक्ष जांच के लिए नीतीश सरकार से इस्तीफा मांगा था. उनका कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे के बिना सृजन घोटोले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती. उन्होंने सृजन घोटाले को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए आरोप लगाया कि नीतीश और सुशील मोदी सृजन घोटले में संलिप्त हैं.

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क्या है सृजन घोटाला?

बता दें कि ये घोटाला बिहार के भागलपुर में सामने आया था. जहां सृजन महिला आयोग नाम की संस्था ने बैंक और ट्रेजरी अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए के गबन को अंजाम दिया.

बैंक अधिकारी सरकारी फंड को गुपचुप तरीके से सृजन के खाते में डाल देते थे. संस्था ने पैसे को रियल एस्टेट जैसे धंधों में लगाकर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए. बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

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