इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. खुफिया ब्यूरो की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के सीएम नीतीश कुमार का बीजेपी से 17 साल पुराना नाता टूटने के बाद सूबे में सांप्रदायिक झड़पों में बढ़ोत्तरी हुई है.
'आज तक' के पास खुफिया ब्यूरो की यह रिपोर्ट है जिसमें बताया गया है कि जून 2013 से दिसंबर 2013 के बीच सांप्रदायिक झड़पों के 87 मामले सामने आए हैं. साल 2012 में इसी अवधि में ऐसी झड़पों की तादाद महज 24 ही थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गया में बीते जुलाई में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच सांप्रदायिक तनाव हुआ जिसमें 13 हिंदू और तीन पुलिसवाले जख्मी हो गए.
रिपोर्ट में नवादा में हुईं सांप्रदायिक झड़पों का भी जिक्र है.बीते अगस्त में शहर में एक ढाबेवाले ने मांसाहारी भोजन परोसने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद हुई झड़पों में एक हिंदू और एक मुस्लिम की मौत हो गई थी. इन घटनाओं में आठ हिंदू, पांच मुसलमान और तीन पुलिसवाले घायल भी हो गए थे.
नवादा की यह घटना बिहार में 2013 में हुई सांप्रदायिक झड़पों में शायद सबसे गंभीर मामला था. अगस्त में ही बेतिया शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई थी जब महावीरी जुलूस के रास्ते को लेकर विवाद हुआ था.