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बिहार में इंडिया गठबंधन में शामिल कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ सकती है चुनाव, जानिए

सूत्रों की माने तों पशुपति पारस की पार्टी के तीन सांसद इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं. सूत्रों के अनुसार अगर ये तीनों सांसद इंडिया गठबंधन में आते हैं तो उनको आरजेडी और जेडीयू अपने कोटे से इन सांसदों को एडजस्ट करेगी. सूत्रों की माने तो इस साल के अंत में बिहार में इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग और कौन सी पार्टी किस दल से चुनाव लड़ेगी इसकी घोषणा कर देगी.

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बिहार में इंडिया गठबंधन में शामिल कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ सकती है चुनाव, जानिए
बिहार में इंडिया गठबंधन में शामिल कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ सकती है चुनाव, जानिए

बिहार में इंडिया गठबंधन के बीच में सीटो को लेकर सहमति बन सकती है. सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटे हैं. सूत्रों की माने तो जेडीयू और आरजेडी दोनों 17 -17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं.

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बाकी के 6 सीटों को कांग्रेस और अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ा जा सकता है. जिनमें कांग्रेस को 4 सीट और सीपीआई सीपीआई एमएल एक-एक सीट दी जा सकती है. 

हालांकि, अगर मुकेश साहनी गठबंधन में आते हैं तो उनके लिए 1 सीट दी जाएगी. उसी तरह पप्पू यादव भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस को 5 सीटें दी जायेगी. पप्पू यादव और मुकेश साहनी के इंडिया गठबंधन में आ जाने के बाद सीटो का समीकरण इस प्रकार रह सकता हैं :-

जदयू 16
आरजेडी 16
कांग्रेस 5
सीपीआई 1
सीपीआई एमएल 1
मुकेश साहनी 1

सूत्रों की माने तों पशुपति पारस की पार्टी के तीन सांसद इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं. सूत्रों के अनुसार अगर ये तीनों सांसद इंडिया गठबंधन में आते हैं तो उनको आरजेडी और जेडीयू अपने कोटे से इन सांसदों को एडजस्ट करेगी. 

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सूत्रों की माने तो इस साल के अंत में बिहार में इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग और कौन सी पार्टी किस दल से चुनाव लड़ेगी इसकी घोषणा कर देगी.

गठबंधन के बीच छिड़ा पोस्टर वार
कांग्रेस के इंस्टाग्राम पोस्ट में एक पोस्टर में राहुल गांधी को भारतीय गठबंधन के नेताओं का नेतृत्व करते हुए दिखाया गया है, जिससे शिव सेना (यूबीटी) खेमा नाराज हो गया है.

सूत्रों ने बताया कि वह तस्वीर जिसमें राहुल गांधी को सभी वरिष्ठ नेताओं के बीच में दिखाया गया है, वह उद्धव की सेना के स्थानीय पार्टी कैडर को पसंद नहीं आई है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता मांग कर रहे हैं कि अगर यह पोस्ट या पोस्टर कहीं भी प्रदर्शित किया गया है तो इसे हटा दिया जाना चाहिए अन्यथा कल होने वाली बैठक से पहले इसे फाड़ दिया जाएगा.

इसके अलावा, AAP, समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस जैसी अन्य पार्टियों ने भी कार्यक्रम स्थल के पास अपनी पार्टी के नेताओं के स्वागत के स्वतंत्र पोस्टर लगाए हैं, जिससे विवाद छिड़ गया है. पहली दो बैठकों के दौरान स्वागत करने वाले नेताओं के व्यक्तिगत पोस्टर के प्रोटोकॉल का पालन किया गया. हालाँकि, मुंबई की बैठक के दौरान यह प्रोटोकॉल टूट गया.
 

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