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चारा घोटाले में नीतीश का नाम लेना बना बीजेपी की मुसीबत

चारा घोटाले में 'नीतीश कुमार' के नाम को लेकर बीजेपी में ही घमासान मच गया है. नीतीश के बचाव में उतरे झारखंड के बीजेपी नेता और चारा घोटाले में याचिकाकर्ता सरयु राय के खिलाफ बिहार बीजेपी के नेताओं ने तो मोर्चा ही खोल दिया है.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

चारा घोटाले में 'नीतीश कुमार' के नाम को लेकर बीजेपी में ही घमासान मच गया है. नीतीश के बचाव में उतरे झारखंड के बीजेपी नेता और चारा घोटाले में याचिकाकर्ता सरयु राय के खिलाफ बिहार बीजेपी के नेताओं ने तो मोर्चा ही खोल दिया है.

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हालत ये हो गई है बीजेपी के भीतर ही अब नेता एक दुसरे पर कीचड़ उछालने में जुट गए हैं. चारा घोटाला मामले में सुशील मोदी ने नीतीश के खिलाफ पैसे लेने का आरोप लगाया तो नीतीश की सफाई देने के पहले ही बीजेपी के सरयु राय नीतीश के बचाव में उतर आए. इससे बिहार बीजेपी के नेता आगबबूला हो गए और नीतीश के पक्ष में बोलने वाले झारखंड के बीजेपी नेता सरयु राय पर नीतीश के हाथों बिकने तक का आरोप लगा दिया है.

बिहार बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा, 'सरयु राय नीतीश कुमार के भोंपू बने हुए हैं और वो चारा घोटाले में नीतीश को बचाने के एवज में राज्यसभा या विधान परिषद जाने की सौदेबाजी कर चुके हैं.' गौरतलब है कि दो दिन पहले सुशील मोदी ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर उन दस्तावेजों के आधार पर नीतीश कुमार पर भी चारा घोटाले मे पैसा लेने का आरोप लगाया था जो इस मामले के याचिकाकर्ता मिथलेश कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट को सौंपी है और जिसपर 22 नवंबर को सुनवाई होनी है. लेकिन सुशील मोदी के दावे की हवा खुद बीजेपी के नेता और चारा घोटाले के याचिकाकर्ता सरयु राय ने ये कहते हुए निकाल दी कि नीतीश के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और सीबीआई उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है.

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सुशील मोदी के खिलाफ बोलते ही सरयु राय को पार्टी का कोपभाजन बनना पड़ा है. सरयु राय की गिनती बीजेपी के सीनीयर नेताओं में होती है लेकिन नीतीश के साथ खड़े होते ही बीजेपी ने उन्हे सौदेबाज तक करार दिया है. बहरहाल चारा घोटाले पर गरमाई सियासत फिलहाल ठंडे होने का नाम नहीं ले रहा. नीतीश कुमार कह चुके हैं कि सुशील मोदी ने उनका नाम घसीटकर गलत नंबर डायल कर दिया है, तो सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है, 'उन्होंने तो सही नंबर डायल किया है लेकिन मुझे मालूम है सीबीआई इस नंबर को डिसकनेक्ट कर देगी.'

बहरहाल बीजेपी चारा घोटाले में नीतीश का नाम घसीटकर अपना ही दामन जला बैठी है. बीजेपी जिसे अपना मास्टर स्ट्रोक समझ रही थी वही उसे उल्टा पड़ गया है और बजाए जेडी-यू को कटघरे में खड़ा करने के बीजेपी में ही घमासान मच गया है. ऐसे में बीजेपी की निगाहें अब 22 नवंबर को झारखंड हाइकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी है कि आखिर उसमें फैसला क्या आता है.

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