बिहार में बदहाल परीक्षा व्यवस्था ने एक बार फिर सुशासन की पोल खोल दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में इंटरमीडिएट (12वीं) की छात्राएं जान जोखिम में डालकर परीक्षा केंद्र के अंदर पहुंची.
दरअसल नालांदा में कुछ छात्राएं जब परीक्षा केंद्र पर पहुंची तो दरवाजे को बंद पाया. इसके बाद छात्राएं जान जोखिम में डालकर लोह के दरवाजे पर चढ़ गईं और उसे पार करते हुए परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश कर गईं.
तस्वीर बिहारशरीफ के केएसटी कॉलेज की है जहां एक नहीं कई छात्राएं प्रवेश द्वार बंद होने के बाद नुकीले लोहे की रॉड के ऊपर से किसी तरह फांद कर परीक्षा केंद्र के अंदर गयी. बता दें कि यह सेंटर सिर्फ लड़कियों के लिए बनाया गया था.
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10 मिनट पहले बंद होंगे गेट
बिहार बोर्ड ने किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. एग्जा्म सेंटर के गेट परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पूर्व बंद कर दिए जाएंगे, इसके बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. जो छात्रा दूसरी शिफ्ट की परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, वे 1:35 बजे तक अपने एग्जाम सेंटर पर जरूर पहुंच जाएं. इसके बाद पहुंचने पर एंट्री नहीं मिलेगी.
बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 01 फरवरी 2023 से शुरू हुईं हैं. राज्य के 38 जिलों के 1464 परीक्षा केन्द्रों पर 6,36,432 छात्राओं और 6,81,795 छात्रों समेत कुल 13,18,227 परीक्षार्थी इस साल बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल होंगे.
2 स्तर पर चेकिंग
बता दें कि सभी विषयों में 10 सेट में प्रश्न पत्र तैयार किए गए हैं. नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केन्द्र पर परीक्षार्थियों की 2 स्तिर पर चेकिंग की जा रही है.
पहली चेकिंग एग्जाम सेंटर के गेट पर और दूसरी चेकिंग हर 25 स्टूडेंट्स पर नियुक्त एक दण्डाधिकारी द्वारा ली जाएगी. परीक्षा केन्द्रों पर cctv और वीडियोग्राफी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है.