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IRCTC ने कहा, बिहार में शराबबंदी से घट गए विदेशी पर्यटक, उन्हें मिले पीने की छूट

IRCTC के पूर्वी क्षेत्र के ग्रुप एमडी जफर आजम ने कहा कि बिहार सरकार अगर चाहे तो पर्यटन से हजारों करोड़ों डॉलर कमा सकती है, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि विदेशी मुद्रा आए तो दूसरे देशों के पर्यटकों को खाने-पीने की आजादी देनी होगी.

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IRCTC अफसर जफर आजम ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से पर्यटन को नुकसान.
IRCTC अफसर जफर आजम ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से पर्यटन को नुकसान.

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) का कहना है कि बिहार में शराबबंदी के कारण पर्यटन नहीं बढ़ पा रहा है. इसके चलते कई देशों के पर्यटक भारत नहीं आ रहे हैं. आईआरसीटीसी की तरफ से यह मांग की जा रही है कि विदेशी पर्यटकों को पीने का सुविधा प्रदान की जाए.
 
दरअसल, बिहार सरकार भले ही लाख दावा कर ले कि शराबबंदी से टूरिज्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन आईआरसीटीसी का कहना है कि पर्यटक शराबबंदी के  कारण भारत नहीं आना चाहते हैं. अगर बिहार में टूरिज्म बढ़ाना है तो बिहार सरकार को शराबबंदी में ढील देनी होगी और विदेशी पर्यटक को शराब पिलाने की व्यवस्था करनी होगी.  
 
IRCTC के ईस्ट जोन के  ग्रुप जनरल मैनेजर जफर आजम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस् में कहा, हम लोग जैसे पानी पीते हैं, वैसे ही विदेशी लोग वो (शराब) पीते हैं. इसलिए अगर आप चाहते हैं कि विदेशी मुद्रा अर्जित की जाए तो विदेशियों को उनके हिसाब का खाने और पीने की आजादी देनी होगी. 

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जफर आजम ने आगे बताया कि कई देशों के लोगों से हमने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मन तो बहुत करता है कि बोधगया, वैशाली और सारनाथ समेत बिहार के कई पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर हम जाएं, लेकिन जो चीज हमारे लिए जरूरी है, अगर वो ही न मिले तो हम बिहार कैसे जाएं? 

आईआरसीटीसी के अधिकारी के मुताबिक, अगर विदेशी मुद्रा चाहिए तो विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना होगा. बिहार सरकार अगर आईआरसीटीसी के ब्लू प्रिंट पर काम करे तो राज्य को करोड़ों डॉलर की विदेशी मुद्रा मिल सकती है. यही नहीं, 10 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हो सकता है. आजम के मुताबिक, पूरे भारत में बिहार ही इकलौता ऐसा राज्य है जहां हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख धर्मों के प्रमुख तीर्थ स्थल हैं.  


 

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