बिहार प्रदेश में राजद, कांग्रेस और जद(यू) मिल कर सरकार चला रहे हैं. ऐसे में यदि किसी सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीरें ही पोस्टर बैनर से गायब हों तो तरह-तरह की अटकलें उठना तो लाजमी है. अब शुक्रवार को वैशाली लेकिन शुक्रवार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कार्यक्रम को ही देखने से माजरा कुछ-कुछ साफ होने लगता है.
इस पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई जिक्र न होना. इस बात की ही तरफ इशारा कर रहा है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा. वैशाली के बिद्दुपुर में 363 करोड़ की लागत से बनने वाले 17 सड़क परियोजना का उद्घाटन समारोह हुआ. इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, आरजेडी कोटे के मंत्री शिवचंद्र राम और अलोक मेहता के साथ कई विधायक मौजूद थे.
कार्यक्रम स्थल पर राजद झंडों और कटआउट का भरमार
पूरा कार्यक्रम स्थल राजद के कटआउट और झंडों से पटा था. गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार है. सरकारी कार्यक्रमों में और दो दलों के झंडे और बैनर की अपेक्षा की जाती है. लेकिन इस सरकारी कार्यक्रम में केवल आरजेडी के झंडे लगे थे. कटआउट और पोस्टरों में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और आरजेडी कोटे के मंत्री ही दिख रहे थे. इन सारे बैनरों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस के नेता नदारद थे. इसके अलावा यहां संपन्न हुए कार्यक्रम में नीतीश कुमार की चर्चा तक नहीं हुई.
कार्यक्रम में पढ़े गए लालू प्रसाद के कसीदे...
कार्यक्रम भले ही बिहार सरकार से जुड़ा हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र तक नहीं हुआ. नीतीश मंत्रिमंडल के सदस्यों ने सभा को सम्बोधित करते हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की प्रशंसा में कसीदे पढ़े. बिहार सरकार के कार्यक्रम को राजद अपनी पार्टी का कार्यक्रम बनाने में जुटी रही. सभी वक्ता तमाम उपलब्धियों के पीछे लालू प्रसाद यादव को अपना प्रेरणा स्त्रोत बताते रहे. कला संस्कृति मंत्री ने तो यहां तक कह डाला कि वे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के स्नेह की वजह से मंत्री बने हैं. उन्होंने आगे कहा कि सड़क के मामले में इतना काम अब तक किसी ने नहीं किया जितना तेजस्वी यादव ने किया है. ऐसे में महागठबंधन में सबकुछ ठीकठाक का सुर अलापने वाले नीतीश और लालू चाहे जो कहें लेकिन असल तस्वीर तो कुछ और ही नजर आती है.