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बिहार में 500 करोड़ निवेश करेगी आईटीसी कंपनी

आईटीसी ने अपने फ्रुट जूस ब्रांड ‘बी नेचुरल’ के लिए डेढ़ हजार मेट्रिक टन लीची की खरीद के लिए सूबे के किसानों से समझौता किया है. इसके अलावा पांच जिलों के 1500 किसानों की 750 एकड़ जमीन पर आलू बीज के उम्दा किस्म को विकसित करने की परियोजना पर भी वह काम कर रही है.

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सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)
सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)

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देश की बड़ी कंपनी आईटीसी बहुत जल्द बिहार में 500 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है. जिसे राज्य के विकास की राह में बड़ा कदम माना जा रहा है. आईटीसी के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी संजीव पूरी ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी से मुलाकात की, जिसके बाद यह बात सामने आई कि आईटीसी बहुत जल्द बिहार में बिस्कुट, नूडल्स, कुकिज व अन्य फूड प्रोडक्ट के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये निवेश कर सकती है. इसको लेकर आईटीसी ने बिहार सरकार को प्रस्ताव सौंपा है.

आईटीसी ने बिहार में निवेश करने के लिए सरकार से 60 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. आईटीसी पिछले दिनों बिहार के सात जिलों मुंगेर, समस्तीपुर, लखीसराय, बक्सर, भागलपुर, बेगूसराय और बांका के किसानों से 1 लाख मेट्रिक टन गेहूं और मक्का की खरीद की है. जानकारी के मुताबिक आईटीसी उन्नत किस्म की अधिक ऊपज देने वाली फसलों की खेती, पशुओं के नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही है.

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आईटीसी के सहयोग से बिहार के 325 गांवों के 1.25 लाख किसानों की 60 हजार एकड़ जमीन पर अधिक ऊपज देने वाले गेहूं की प्रजातियों की जीरो टिलेज से बुआई की गई है. आईटीसी ने अपने फ्रुट जूस ब्रांड ‘बी नेचुरल’के लिए डेढ़ हजार मेट्रिक टन लीची की खरीद के लिए सूबे के किसानों से समझौता किया है. इसके अलावा पांच जिलों के 1500 किसानों की 750 एकड़ जमीन पर आलू बीज के उम्दा किस्म को विकसित करने की परियोजना पर भी वह काम कर रही है.

आईटीसी ने बताया कि पिछले चार वर्षों में वह प्रदेश में डेयरी, फूड प्रोसेसिंग और अन्य प्रक्षेत्रों में 400 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है. मुंगेर में 150 करोड़ की लागत से डेयरी स्थापित की गई है, जिसमें प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग की जाती है. इसके लिए 400 गांवों के 5000 किसानों से दूध संग्रह किया जाता है. आईटीसी का प्रमुख ब्रांड ‘आशीर्वाद स्वास्ति’ धी मुंगेर डेयरी का ही उत्पाद है. इसके अलावा आईटीसी 3 लाख पशुओं के नस्ल सुधार के लिए भी काम कर रही है.

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