जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद राजनीतिक दलों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसको लेकर जहां एक ओर पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, वहीं बीजेपी ने भी पलटवार किया है. इस दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के खिलाफ दिए गए बयान पर जेडीयू ने आपत्ति जताई है. जेडीयू ने कहा कि राम माधव को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था.
आपको बता दें कि एनडीए में जेडीयू बीजेपी की सहयोगी पार्टी है. बिहार में भी दोनों दल मिलकर सरकार चला रहे हैं. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बीजेपी नेता राम माधव ने महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को लेकर जो बयान दिया है, उससे वो सहमत नहीं है. यहां पर इस बयान की कोई आवश्यकता नहीं थी.
केसी त्यागी ने कहा, 'इस मसले पर राम माधव के बयान पर मेरी असहमति है. पीडीपी और एनसीपी ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व और पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए के गठबंधन का हिस्सा रह चुके हैं. कई अवसरों पर इन्होंने पाकिस्तान के मंसूबों के खिलाफ भी बोला है. लिहाजा यहां पर मेरा मत राम माधव से अलग है.'
राम माधव द्वारा बयान वापस लेने के सवाल पर केसी त्यागी का कहना है कि यह उनके विवेक के ऊपर है, लेकिन ऐसे बयानों की कोई आवश्यकता नहीं थी. विधानसभा भंग करने पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सवाल उठाने पर किसी त्यागी का कहना है कि पीडीपी और बीजेपी का गठबंधन भी कोई सैद्धांतिक आधार पर नहीं था. पीडीपी सेल्फ रूल की बात करके मीलों आगे चली गई थी. इसमें जो भारतीय सिक्का है, उसकी बजाय कश्मीरी सिक्का अलग से चले. वो भी गठबंधन बेमेल था और अब यह गठबंधन भी बेमेल है. लिहाजा, जम्मू-कश्मीर में दोबारा चुनाव कराने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.
जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने पर केसी त्यागी का कहना है कि अब जोड़-तोड़ की कोई संभावना नहीं बची है. लिहाजा, वहां पर जनता की चुनी हुई जिम्मेदार सरकार बनाने के लिए शीघ्र चुनाव करने की हम मांग करते हैं. गुलाम नबी आजाद के बयान पर केसी त्यागी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का तो घाटी में इतिहास रहा है कि किस तरह से उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस को तोड़कर वहां पर कांग्रेस पार्टी का निर्माण किया था, जिसकी वजह से कश्मीर के इस तरह के हालात बने हैं.