अपने विवादित बोल के चलते बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए मुश्किलों का सबब बनते जा रहे हैं. प्रदेश के सात केंद्रीय मंत्रियों को राज्य में प्रवेश न देने को लेकर मांझी के विवादित बयान पर जेडीयू ‘असहज’ महसूस कर रही है. पार्टी ने उन्हें ऐसे बयानों से परहेज करने को कहा है.
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जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने गुरुवार को पटना में कहा कि ‘पार्टी ने मांझी को सुझाव दिया है कि वैसे विवादित बयान जिससे जेडीयू नेता स्वयं को असहज महसूस करें उसे देने से परहेज करें.’ उन्होंने कहा ‘हम लोगों ने मांझी जी से कहा है कि वे ऐसा कोई बयान न दें जिसे तोड़-मरोड़कर पेश किया जाए और उसे बीजेपी अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करे.
पार्टी ने कहा, विवादित बयानों से बचें
त्यागी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने उन्हें निर्देशित किया है कि वे ऐसे विवादित बयान से बचें जिससे समाज की एकता प्रभावित हो या पार्टी में आंतरिक कलह पैदा हो. उन्होंने कहा कि कल वे नीतीश जी की संपर्क यात्रा में शामिल थे और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपनी पीड़ा बताई थी कि जिस तरह के वक्तव्य आते हैं वह अंतर्विरोध से भरे होते हैं और कार्यकर्ता अपने को असहज महसूस करते हैं.
'मांझी का CM बने रहना पार्टी का अंदरूनी मसला'
त्यागी ने कहा कि मुख्यमंत्री से कहा गया है कि वे वैसे ही कार्य करें जिसके लिए उन पर विश्वास कर पार्टी ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है. मुझे आशा है कि वे उन अपेक्षा और आशाओं को पूरा करने की कोशिश करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाएगा त्यागी ने कहा ‘मांझी जी मुख्यमंत्री पद पर बने रहते हैं या नहीं यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है. इसे हम बाहर में चर्चा करना जरूरी नहीं समझते.’
पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से प्रदेश की कमान संभालें. उन्होंने कहा कि नीतीश को जानने वाले यह जानते हैं कि सत्ता मोह उनके लिए महत्व नहीं रखता. समूचे देश में बीजेपी की जीत हुई लेकिन नैतिक जिम्मेदारी लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड दिया. नीतीश जी ने कहा है कि वे जिम्मेदारी तभी संभालेंगे जब जनता चाहेगी. इस बीच पटना से झारखंड में चुनाव प्रचार में शामिल होने जा रहे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आज औरंगाबाद में पत्रकारों से कहा ‘मांझी के बयान को महत्व दिए जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि लोग उनके कार्य पर ध्यान केंद्रित करें.’
(इनपुट: भाषा)