बिहार में महागठबंधन की सरकार है. जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के सहयोग से बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है. लेकिन लगता है अंदर-अंदर कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा. रविवार को तीनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों ने आरजेडी के कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की. जैसे ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने ये कहा कि 2019 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पीएम के उम्मीदवार होंगे तो जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह थोड़ा असहज दिखे.
पीएम बनने की रेस में आना चाहते हैं नीतीश
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे की लकीरें साफ बयां कर रही थी कि वो अशोक चौधरी के इस बयान से इत्तिफाक नहीं रखते. जेडीयू को कांग्रेस के इस बयान से झटका लगना स्वाभाविक भी है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार मिशन 2019 को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि उन्होंने शराबबंदी और अन्य राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर अभियान चला रखा है.
नजीर बन रहा है बिहार का विकास
नीतीश कुमार 2019 से पहले पीएम नरेंद्र मोदी के समानांतर खड़ा करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाने जैसे बयान से दिल को ठेस पहुंचना लाजिमी है. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि समावेशी विकास के कारण बिहार पूरे देश में आज के दिनों में नजीर बन गया है.
बिहार के लिए के लिए केंद्र का भेदभाव भरा रवैया
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण हो या फिर शराबबंदी, ऐसे मुद्दे हैं जिससे बिहार देश में एक नजीर पेश कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज के शोषित और वंचित तबकों के विकास के लिए कमर कसे हैं. उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि भेदभाव पूर्ण नीति और संसाधन में कटौती के बाबजूद बिहार अपने बलबूते आगे बढ़ रहा है.
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने इस अवसर पर कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण पैदा हुआ है. समाज के लोगों का एक दूसरे पर भरोसा कम हुआ है.