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नीतीश से खफा JDU विधायक शरद यादव से मिले, राज्यसभा उम्मीदवारों पर अभी भी सस्पेंस

राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर तेज हो गई हैं. उम्मीदवार के नाम को लेकर सत्तारूढ़ जेडीयू में मंथन जारी है. आज तक को मिली जानकारी के अनुसार जेडीयू से शरद यादव और कांग्रेस से शकील अहमद प्रत्याशी हो सकते हैं. हालांकि, इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.

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बागी विधायकों के साथ शरद यादव
बागी विधायकों के साथ शरद यादव

राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर तेज हो गई हैं. उम्मीदवार के नाम को लेकर सत्तारूढ़ जेडीयू में मंथन जारी है. आज तक को मिली जानकारी के अनुसार जेडीयू से शरद यादव और कांग्रेस से शकील अहमद प्रत्याशी हो सकते हैं. हालांकि, इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.

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इन सबके बीच नीतीश कुमार से खफा जेडीयू के 6 विधायकों ने शरद यादव से मुलाकात की. आपको बता दें कि राज्यसभा टिकट को लेकर जेडीयू में जबरदस्त खींचतान देखने को मिल रही है. शरद यादव और नीतीश खेमा आमने-सामने है. पार्टी की ओर से कौन-कौन प्रत्याशी होंगे इस पर स्थिति रविवार शाम तक ही स्पष्ट हो पाएगी.

काम करता दिख रहा है नीतीश कुमार का दांव
बागियों की बढ़ रही गतिविधियों के देखते हुए नीतीश कुमार खेमे ने एक दांव चला था जो अब काम करता दिख रहा है. पार्टी के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले नीरज कुमार ने पार्टी के सामने एक प्लान पेश किया. उनके प्‍लान के मुताबिक राज्य की तीनों राज्यसभा सीटों पर जेडीयू अपना उम्मीदवार ही न उतारे और उच्च राजनैतिक मानदंड का परिचय दे. अगर पार्टी इस प्लान के साथ जाती है तो मधेपुरा से लोकसभा चुनाव हारने वाले शरद यादव के राज्यसभा जाने के प्लान पर पानी फिर जाएगा.  नीतीश से नाराज बताए जा रहे सभी विधायक शरद यादव खेमे के बताए जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें मनाने और क्रॉस वोटिंग रोकने की जिम्मेदारी पूरी तरह से शरद यादव पर आ गई है. अगर वह खुद को उम्मीदवार को तौर पर देखना चाहते हैं तो पार्टी के अन्य दो प्रत्याशियों की जीत दिलाने की जिम्मेदारी भी जेडीयू अध्यक्ष की ही होगी.

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शकील अहमद होंगे कांग्रेस से प्रत्याशी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक जेडीयू तीन सीटों में से एक कांग्रेस को दे सकती है. पार्टी के महासचिव शकील अहमद कांग्रेस से उम्मीदवार होंगे. दरअसल, शकील को उम्मीदवार बनवाकर नीतीश एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं. अगर शकील अहमद राज्यसभा पहुंचते हैं तो इससे बिहार जेडीयू और कांग्रेस के बीच एक अघोषित गठबंधन की शुरुआत होगी. भले ही आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव यह दावा कर रहे हों कि कांग्रेस उनके साथ है पर पार्टी का स्थानीय नेतृत्व इसके पक्ष में नहीं है. ऐसे में शकील अहमद को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आरजेडी और कांग्रेस में दूरियां और बढ़ेंगी. वहीं, जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को भी कांग्रेस का समर्थन जारी रहेगा, जो कम संख्या बल वाली इस सरकार की सेहत के लिए अहम है.

तीन सीट हुए हैं खाली
बिहार की तीनों सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन आगामी सोमवार है. ये तीनों सीट राज्यसभा सदस्य रामविलास पासवान, राजीव प्रताप रुडी और रामकृपाल यादव के क्रमश: हाजीपुर, सारण और पाटलिपुत्र से लोकसभा चुनाव में विजयी होने के कारण खाली हुई हैं.

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