जेडीयू में अभी अपने चिंतन शिविर में शिवानंद तिवारी और नरेंद्र सिंह जैसे नेताओं से मिले सदमे से उबरी भी नहीं थी कि उसे दूसरे बड़े झटके भी लगने शुरू हो गए हैं. पार्टी में दबे स्वर में ही सही एक तरफ नरेंद्र मोदी के कद्रदानों की तादात बढ़ रही है तो दूसरी ओर छोटे-बड़े नेता नीतीश कुमार के काम करने के तौर तरीकों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने में लगे हैं.
विधायक नीरज बबलू, रणवीर यादव, छेदी पासवान और रमई राम सरीखे नेता अब अपनी नाराजगी खुलकर जताने लगे हैं. राजगीर के चिंतन शिविर से उपजी चिंगारी का आग लगना तय था और हुआ भी वही. शिवानंद तिवारी ने मोदी की आलोचना के बहाने उनकी तारीफ कर डाली. इस बात से पार्टी के बाकी नेता भी सबक लेते नजर आ रहे हैं. कभी नीतीश के करीबी रहे विधायक नीरज बबलू ने भी मोदी को बड़ा नेता करार देते हुए उनकी चुनौती को गंभीरता से लेने की बात कही तो पूर्व विधायक रणवीर यादव ने सीधे-सीधे नीतीश कुमार के कामकाज के तरीकों पर ही सवाल खड़ा कर दिया.
'मोदी बड़े नेता, इसमें कहां दो राय'
जेडीयू विधायक नीरज कुमार बबलू के मुताबिक, 'नरेंद्र मोदी मजबूत नेता हैं इसमें कहां दो राय है, इसलिए हमें मजबूती से लड़ने की तैयारी करनी पड़ेगी, देश में जैसे उनको प्रोजेक्ट किया गया है इससे कहीं ना कहीं वो चर्चा में तो हैं.'
'दुश्मन सख्त है, हर आदमी मस्त है तो कैसे होगी लड़ाई...'
वहीं पूर्व विधायक रणवीर यादव ने कहा, 'कार्यकर्ताओं को अधिकारियों के हाथों अपमानित होना पड़ता है, उसे कोई देखने वाला नहीं है हर आदमी मस्त है और लड़ाई सामने है. दुश्मन सख्त है और हर आदमी मस्त है ऐसे में कैसे लड़ाई होगी. किसी की लड़ाई हो चाहे जेडीयू हो या आरजेडी लड़ाई तो नरेंद्र मोदी से ही है. इसको मानना पड़ेगा, इसको नकार के चाहिएगा कि हम पीछे की गली से निकल जाऐं तो नहीं होगा.'
'रबर स्टैंप बनकर रह गए हैं पार्टी में शरद यादव'
मोदी से मिलने की सजा काट रहे सस्पेंडेड विधायक छेदी पासवान तो खुलकर पार्टी के असंतुष्ट विधायकों को पार्टी से बगावत करने के लिए ललकारने लगे हैं. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक चिंतन शिविर में जेडीयू नेताओं की चुप्पी काफी कुछ कहती है. पार्टी में नीतीश कुमार से लोगों की नाराजगी तो है पर ये चिंगारी अभी राख के नीचे ही दबी हुई है.
जेडीयू के सस्पेंडेड विधायक छेदी पासवान के मुताबिक, 'पार्टी में भूचाल जैसा तो है ही लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा कि क्या पार्टी के विधायकों का जमीर मर गया इसलिए लोग चुप हैं, जिसके पास थोड़ा भी जमीर और स्वाभिमान है उसे इस आदमी का साथ और पार्टी छोड़कर अलग हो जाना चाहिए. शरद यादव सिर्फ पार्टी में रबर स्टैंप बनकर रह गए हैं.'
गौरतलब है कि पहले से ही तीन सांसद जयनारायण निषाद, पूर्णमासी राम और मंगनी लाल मंडल पार्टी से अलग अपनी लाइन तय कर चुके हैं. छेदी पासवान भी सस्पेंड कर दिए गए हैं पर आने वाले दिनों में कई लोग खुलकर पार्टी से विरोध की आवाज बुलंद कर सकते हैं.