बिहार में नीतीश कुमार की 7वीं बार ताजपोशी हुई है. उनके साथ 14 मंत्रियों ने शपथ ली है. इनमें एक नाम जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी का है. श्याम रजक के आरजेडी में जाने के बाद अशोक चौधरी जेडीयू में दलित चेहरा बनकर उभरे हैं. यही वजह रही कि नीतीश ने वर्चुअल रैली के वक्त भी अशोक चौधरी को अपने मंच पर जगह दी थी.
महादलित समुदाय से आने वाले अशोक चौधरी जेडीयू में आने से पहले बिहार कांग्रेस के चार साल से अधिक समय तक अध्यक्ष रहे थे. राहुल गांधी के करीबी नेता माने जाते थे, लेकिन 1 मार्च 2018 को अशोक चौधरी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. 26 फरवरी 2018 को ही जीतनराम मांझी एनडीए छोड़कर महागठबंधन में गए थे और उसी समय अशोक चौधरी ने जेडीयू का दामन थामा था. इसके बाद नीतीश ने उन्हें जेडीयू की सदस्यता ही नहीं बल्कि अपनी कैबिनेट में शामिल किया था.
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी को पार्टी चलाने का और चुनाव के समय क्या, कैसे करना है उसका अच्छा खासा अनुभव है और वो गठबंधन की बारीकियों को भी समझते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है.
बता दें कि नीतीश कुमार ने सोमवार को 7वीं बार सूबे के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली. उनके साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ली. इसमें बीजेपी के 7, जेडीयू के 5, वीआईपी और हम पार्टी के एक-एक मंत्री शामिल हैं. इस बार डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी सौंपी गई है.
नई विधानसभा का पहला सत्र 23 नवंबर को होगा. सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर को मनोनीत किया जाएगा, जो नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे. नए विधायकों का शपथ ग्रहण होने के बाद विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा.