सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्केंडेय काटजू की मुश्किलें बढ़ने वाली है. पटना के शास्त्रीनगर थाना में जस्टिस काटजू पर जेडीयू के विधान पार्षद सह प्रवक्ता नीरज कुमार ने एफआईआर दर्ज कराया है. एफआईआर 124ए 153बी आईपीसी 66 आईटी एक्ट के तहत किया गया है जिसका सीधा मतलब है कि जस्टिस काटजू के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. जस्टिस काटजू के फेसबुक पर किए गए विवादित पोस्ट से आहत होकर जेडीयू ने काटजू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया.
उरी में हुए आतंकी हमले के बाद जहां देश में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा है वैसे में जस्टिस काटजू के फेसबुक पर विवादित पोस्ट ने बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के राजनीतिक वातावरण में भूचाल पैदा कर दिया. काटजू पर मुकदमा दर्ज करने के लिए दिए गए आवेदन में जेडीयू प्रवक्ता ने जिक्र किया है कि काटजू का विवादित पोस्ट राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने वाली भाषा है और बिहारी जनमानस के प्रति घृणा का द्योतक है.
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी काटजू का नाम लिए बगैर काफी तल्ख टिप्पणी की थी. नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है और बिहार का कोई मालिक नहीं जो किसी देश के साथ बिहार को देने की बात करे.
जस्टिस काटजू का विवादों से बहुत ही गहरा रिस्ता रहा है. काटजू अक्सर अपने कमेंट्स को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. इस बार उन्होंने कश्मीर को लेकर टिप्पणी की है, उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि पाकिस्तान के लोग आइए और कश्मीर विवाद को मिलकर खत्म करते हैं. उन्होंने आगे लिखा है कि एक शर्त पर हम आपको कश्मीर देंगे, उसके साथ आपको बिहार भी लेना होगा. ये एक पैकेज डील है... या तो दोनों, अन्यथा कुछ नहीं. हम आपको केवल कश्मीर नहीं देंगे. मंजूर है?
इतना ही नहीं काटजू ने आगे ये भी लिखा है कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी आगरा वार्ता के दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भी ये ऑफर दिया था, लेकिन मूर्ख मुशर्रफ ने ठुकरा दिया था. सोशल मीडिया पर काटजू के इस विवादित पोस्ट की चौतरफा निंदा हो रही है.