दमन के एक व्यापारी ने अपने बेटे के अपहरणकर्ताओं को 25 करोड़ रुपये की रकम दी. बताया जाता है कि इसकी साजिश बिहार में मंत्री पद वाले एक नेता ने रची और उसमें पुलिस वाले भी शामिल थे. 28 अक्टूबर को उस बच्चे का अपहरण हुआ था और उसे बिहार ले जाया गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह इस मामले की जांच करवाएंगे. उन्होंने जांच के आदेश भी दे दिए हैं. नीतीश कुमार का कहना है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
दमन के कपड़ा व्यापारी हनीफ हिंगोरा ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे के अपहरण में शामिल अपराधियों को बिहार पुलिस का संरक्षण प्राप्त है और सत्त्तारूढ़ जेडी (यू) के एक नेता जिसे मंत्री का दर्जा मिला हुआ है, इसमें शामिल है. व्यापारी ने कहा कि पुलिस और सत्त्तारूढ़ दल के एक नेता ने अपहरणकर्ताओं को संरक्षण दिया है.
हनीफ ने कहा कि अपहरणकर्ता बिहार के एक पुलिस अधिकारी के परिवार के लोग हैं. मैंने यह बात जांच ऐजेंसियों को बताई है. उन्होंने बताया कि एक अपराधी के गिरफ्तार होने के बाद इस बात का पता चला कि अपहरण करने वालों के परिवार के लोग बिहार पुलिस से मिले हुए थे. उन्होंने कहा कि उनके बेटे को 31 अक्टूबर को पटना लाया गया था और उसके बाद वहां से कहीं और भेज दिया गया.
हनीफ ने यह तो नहीं बताया कि उसने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए कितने की फिरौती दी लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने 25 करोड़ रुपये की फिरौती दी है. अब तक बिहार में इतनी बड़ी राशि की फिरौती लेने की बात कभी सामने नहीं आई. एक समय में बिहार में अपहरण एक बहुत बड़ा उद्योग बन गया था और हर रोज वहां अपहरण की खबरें आती थीं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब यह कह रहे हैं कि इस घटना के बारे में बिहार पुलिस को पता उस समय चला जब वह बच्चा छोड़ दिया गया. अपहरण के मामले में बिहार पुलिस और जेडी (यू) नेता की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि वह उन लोगों के नाम जानना चाहते हैं जिन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि वे दोषी पुलिस वालों के भी नाम जानना चाहते हैं. मामले में दोषी सभी के खिलाफ सख्त-से-सख्त कार्रवाई होगी.
दमन के पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार ने इस मामले पर राजनीतिक कोष से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है.
एसपी ने बताया कि हमने एक अपराधी परवीन को पकड़ लिया है और उसके भाई दीपक की तलाश कर रहे हैं जिसने यह इस कांड की साजिश रची थी. यह एक इंटर स्टेट गैंग है जिसमें सात सदस्य हैं और हम उनके पीछे 45 दिनों से पड़े हुए हैं.