चारा घोटाले के तीसरे मामले में 5 साल की सजा और और 10 लाख रुपए के जुर्माना होने के बाद लालू यादव और उनकी पार्टी की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. लालू यादव के बिना आरजेडी के लिए आगे का रास्ता बेहद मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि उनकी पार्टी में लालू यादव जैसा दूसरा कोई व्यक्ति नहीं है, जो दमदार तरीके से पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर सके और चुनाव में जीत दिला सके. यह कहना है जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का है.
लालू यादव को सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने कहा कि एक के बाद एक मामले में लालू यादव जिस तरह से दोषी करार दिए जा रहे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि उनसे नाता तोड़ने का फैसला नीतीश कुमार ने सही समय पर कर लिया. केसी त्यागी ने कहा कि अगर हमने उस समय लालू यादव का साथ नहीं छोड़ा होता तो अब हमें यह फैसला लेना होता लेकिन समय रहते फैसला लेने की वजह से हमारी पार्टी दुर्गति होने से बच गई.
हालांकि केसी त्यागी ने इस बात से इंकार किया कि लालू यादव के जेल जाने से और लगातार एक के बाद एक मामले में दोषी करार होने से उनकी पार्टी को सहानुभूति का फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि लालू यादव भ्रष्टाचार और घोटाले के सिलसिले में जेल जा रहे हैं ना की किसी राजनीतिक आंदोलन की वजह से इसलिए उनकी पार्टी को सहानुभूति मिलने का कोई सवाल पैदा नहीं होता.
बुधवार को लालू यादव को जिस मामले में सजा हुई वो मामला उस समय का है जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और चाईबासा से फर्जी पत्रों के जरिए 30 करोड़ रुपए निकाले गए थे. लालू यादव पहले से ही जेल में हैं और अभी 4 मामलों में फैसला आना बाकी है.
केसी त्यागी ने कहा कि इस समय लालू यादव का पूरा परिवार इस चक्कर में बुरी तरह फंस चुका है कि किसने कहां कहां कितनी गड़बड़ की है. उन्होंने कहा राष्ट्रीय जनता दल के यह भी मुश्किल होगी कि अब चुनाव के समय गठबंधन करते वक्त कांग्रेस पार्टी दबाव बनाकर उनसे ज्यादा सीटों की मांग करेगी.
त्यागी ने कहा कि "राजनीतिक विरोध के बावजूद मैं यह कहूंगा कि लालू यादव का प्रचार में कोई जवाब नहीं है और वह वोटों के ध्रुवीकरण में माहिर हैं. वैसा नेता आरजेडी में दूसरा कोई नहीं है इसलिए उनके बिना आरजेडी के लिए बहुत मुश्किल होगी " .
फैसला आने के बाद लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने लालू यादव को दोषी करार दिए जाने के लिए नीतीश कुमार और बीजेपी की मिलीभगत को कारण बताया. इस बारे में पूछे जाने पर केसी त्यागी ने कहा कि
इससे पहले भी लालू यादव के बेटे पर अदालत की अवमानना का मामला चला था क्योंकि उन्होंने जज के ऊपर जातिगत आरोप लगाए थे. आज भी उनके बेटे का बयान गरिमापूर्ण नहीं है. उन्होंने कहा कि अदालत राजनीतिक पार्टियों के हिसाब से या जाति के हिसाब से फैसले नहीं करती और अदालत के फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए.