केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने जेडीयू-आरजेडी गठबंधन के अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव तक बने रहने की संभावना को आज खारिज कर दिया. उन्होंने इसी तरह गैर कांग्रेस गैर बीजेपी दलों को एकजुट करने के प्रयासों को भी नकारते हुए कहा कि न तो मायावती और मुलायम सिंह यादव और न ही वामदल और तृणमूल कांग्रेस एक साथ रह सकते हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पासवान ने कहा, ‘लालू और नीतीश एक साथ नहीं लड़ सकते. वो साथ बने नहीं रहने वाले हैं. जब बाढ़ का पानी तेजी से आता है तो सांप, बिच्छू और चूहे सभी एक साथ किसी पेड़ पर चढ़ जाते हैं और उसपर रहते हैं. वे नरेन्द्र मोदी की लहर के कारण इकट्ठा हुए हैं. लेकिन उनकी एकता टिकने वाली नहीं है.’ उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि ज्यादा संभावना है कि जब विधानसभा चुनाव का समय आयेगा वे अलग हो जायेंगे. अगर किसी तरह वे साथ मिलकर चुनाव लड़े भी तो चुनाव बाद एकजुट नहीं रहेंगे.
उनका तर्क था कि जब महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ सके तो आरजेडी और जेडीयू साथ कैसे रह सकते हैं जो दस साल तक एक दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे हैं. वे साथ रहते हुए अपने अपने कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं को पूरा कैसे कर पाएंगे. पासवान ने कहा कि जब अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बांटवारे का समय आयेगा तब आप इसे देखेंगे.
एलजेपी प्रमुख ने पुराने जनता परिवार के दलों को एकजुट करने के हो रहे प्रयासों को भी कोई तवज्जो नहीं दी और कहा कि ये प्रयास सफल नहीं होंगे. पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी है. गत लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में से 31 सीटें हासिल हुई थी. आरजेडी को चार, जेडीयू और कांग्रेस को दो दो और एनसीपी को एक सीट प्राप्त हुई थी. राम विलास पासवान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में बीजेपी, एलजेपी और उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी और सफलता हासिल करेगी. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा के मुख्यमंत्री पद की महत्वकांक्षा की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद कोई मुद्दा नहीं है.
पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा, ‘राजग के सभी घटक मिलकर चुनाव लड़ेगे. कौन मुख्यमंत्री होगा इस पर बाद में विचार किया जायेगा. कोई दल इसे मुद्दा नहीं बना रहा है. अभी हमारे लिए यह कोई प्राथमिकता नहीं है. हमारे लिए प्राथमिकता यह नहीं है कि कौन मुख्यमंत्री होगा.’ चिराग पासवान ने बिहार में जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली जेडीयू सरकार पर जम कर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गयी है और दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि अपने जीवन में पहली बार उन्होंने बिहार में आतंकी हमले के बारे में सुना.