आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के दूसरे मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में 3.5 साल की सजा काट रहे हैं. लालू के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. 24 जनवरी को चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी रांची की विशेष सीबीआई अदालत का फैसला आना है, मगर जेल में बंद लालू प्रसाद यादव इन दिनों कविताएं लिख रहे हैं.
चारा घोटाले के तीसरे मामले में फैसला आने से 2 दिन पहले लालू ने ट्विटर के जरिए एक कविता अपने चाहने वालों और Twitter पर उनके फॉलोअर्स के साथ साझा की. जिसका सार यही निकलता है कि लालू को जितना भी दबाया जाएगा वह उतनी मजबूती के साथ और उभरेंगे.
यह है लालू द्वारा रची गई कविता:
रौंदोगे तो हिमाला बनूँगा
विष दोगे तो शिवाला बनूँगा
उधेड़ोगे तो दूशाला बनूँगा
जलाओगे तो उजाला बनूँगा
दफ़नाओगे तो निवाला बनूँगा
लालू लाल है बिहार का
जन्म-जन्मांतर तक
इस मिट्टी का रखवाला बनूँगा.
लालू प्रसाद की इस कविता का जवाब जदयू ने भी ट्विटर के जरिए दिया और वह भी उन्हीं के अंदाज में. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने लालू की कविता का जवाब कुछ यूं दिया:
पशुओं का निवाला खा कर गए जेल
गरीबों का धन खा कर गए जेल
गरीबों के नाम पर अमीर हुए तो गए जेल
जेल में जाकर कैसे करोगे क्रांति ?
जनता जान चुकी है नहीं है कोई भ्रांति.
आगे जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने के बाद आरजेडी के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद की जेड प्लस सुरक्षा वापस किए जाने के बाद ऐसी हरकतें कर रहे हैं मानो उन का कवच कुंडल छीन लिया गया हो. पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि लालू खुद को सामाजिक न्याय के पुरोधा बताते हैं तो उन्हें आखिर किस बात का डर है? लालू पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि जिस नेता के ट्विटर पर 30 लाख फॉलोअर्स हो उन्हें सुरक्षा की क्या जरूरत?