कुछ दिन पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने युवा आरजेडी के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे अपील करते हुए कहा कि वह समाज में गरीब, वंचित, दबे और कुचले लोगों को उनका हक दिलाने में अपनी भूमिका निभाएं.
इस बैठक में तेजस्वी यादव ने कहा था कि युवाओं ने हमेशा समाज निर्माण और देश के विकास में अपनी भूमिका निभाई है. इसी मुद्दे को लेकर जदयू ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि तेजस्वी जैसे नेता कभी भी युवाओं के आइडल नहीं हो सकते.
जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि तेजस्वी यादव की सूरत भोली है लेकिन उनका दिल काला है. वह अपनी भोली सूरत दिखाकर बिहार के युवाओं को बरगला रहे हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जैसा नेता जो नॉन मैट्रिक हो, जिसकी आमदनी का कोई स्त्रोत नहीं हो लेकिन फिर भी वह अकूत संपत्ति का मालिक हो. जिसपर युवा होते हुए सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग के दर्जनों केस हों, ऐसा व्यक्ति कभी भी युवाओं का आइडल नहीं हो सकता.
जदयू ने कहा कि बिहार के युवा अब समझदार हो गए हैं, उन्हें अपना भविष्य कैसे संवारना है वह जानते हैं. पार्टी ने कहा कि तेजस्वी नीतीश कुमार की अनुकंपा पर उनकी सरकार में डिप्टी सीएम बन गए थे लेकिनवह कभी भी युवाओं के लिए आइडल नहीं हो सकते. पार्टी ने कहा कि छोटी सी उम्र में ही तेजस्वी के ऊपर के काले धब्बे लग चुके हैं.
जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा कि बिहार सरकार ने अगले 4 वर्षों में प्रदेश के एक करोड़ युवा जिसमें महादलित भी शामिल हैं, उनके लिए कौशल विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश के सात निश्चय कार्यक्रम में युवाओं की तरक्की और रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. युवाओं की सफलता के लिए उनके कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा
है. इसी क्रम में नीतीश सरकार ने सात निश्चय कार्यक्रम के तहत राज्य के 38 जिलों के सभी प्रखंडों में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र खोल दिया है. जहां बिहार के युवा लगातार प्रशिक्षण प्राप्त करके नौकरी पा रहे हैं.
पार्टी ने कहा कि नीतीश न्याय के साथ विकास की अवधारणा को चरितार्थ करके समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं. संजय सिंह ने कहा कि समाज के दलित, महादलित, पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, अकलियत और अन्य कमजोर वर्गों को पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण देकर राजनीति की मुख्यधारा में लाने के साथ ही उन्होंने सामाजिक शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक उत्थान की नई इबारत लिखी है.