जेडीयू ने अपनी राष्ट्रीय परिषद में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. इस बैठक में विकास के मापदंडों एवं राष्ट्रीय विकास सूचकांक पर बिहार के सबसे निचले पायदान पर होने की भी बात की गई.
प्रस्ताव में कहा गया है, 'चाहे मानव विकास सूचकांक हो, प्रति व्यक्ति आय हो या अन्य मापदंड हो. बिहार सभी क्षेत्रों में राष्ट्रीय औसत से पीछे चल रहा है. राज्य विकास के निचले पायदान पर है. हम राज्य के आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हैं.'
जेडीयू नेता विजय चौधरी की ओर से पेश बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग संबंधी प्रस्ताव के अनुसार, पार्टी नियमों में परिवर्तन कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग लंबे समय से कर रही है जो राज्य के लोगों का मौलिक अधिकार है. अभी विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने का प्रावधान पर्वतीय क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा होने और आबादी की सघनता कम होने के आधार पर तय होता है.
नीतीश कुमार ने कहा 'बिहार मापदंडों को पूरा नहीं करता लेकिन निम्न आर्थिक विकास, प्रति व्यक्ति आय कम होना जैसे अन्य आधार भी हैं. विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने से बिहार जैसे राज्य को लाभ होगा.' पिछले वर्ष जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया था और 1.25 करोड़ लोगों के हस्ताक्षरयुक्त एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा था.
उल्लेखनीय है, नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में रैली भी आयोजित की थी.