जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आते जा रहा है, छोटी या बड़ी सभी राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना दांव खेल रही हैं. इसी क्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को अपने खेमे में आने की सलाह दी है.
उन्होंने लालू यादव से कहा कि वह नीतीश के फंदे से निकलें और उन्हें अपना नेता स्वीकर करें. इससे आगे बढ़ते हुए उन्होंने लालू को उनके ही नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऑफर भी दे डाला.
ऐसे में जबकि तीसरे मोर्चे का गठन अभी रास्ते में ही है और सीट शेयरिंग से लेकर चुनाव चिह्न तक पर सहमति बननी अभी बाकी है, जीतन राम मांझी का यह राजनीतिक बयान बिहार चुनाव को देखते हुए अहम माना जा रहा है.
जीतन राम मांझी अति पिछड़ी जाति से आते हैं और मतदाता के तौर पर बिहार में इनकी अच्छी संख्या है. कई राजनीतिक पंडित यह मानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अति पिछड़े वोट बैंक में भी सेंध मारने में मांझी सक्षम हो सकते हैं.
फिलहाल जीतन राम मांझी के इस बयान पर लालू यादव की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आपको बता दें कि लालू यादव ने इससे पहले कहा था कि तीसरे मोर्चे में पार्टियों का विलय या गठबंधन मायने नहीं रखता है, महत्वपूर्ण है बिहार में बीजेपी को हराना.