दलितों पर हो रही राजनीति में दलित नेता भी पीछे नहीं हैं. एक गठबंधन का दलित नेता दूसरे गठबंधन के दलित नेता पर हमला करने से नहीं चूक रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने की वकालत करने वाले रामविलास पासवान एनडीए नेतृत्व से खुद को प्रधानमंत्री घोषित क्यों नहीं करवा लेते.
मांझी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी दलितों की बात करती है तो रामविलास पासवान को प्रधानमंत्री या फिर बिहार का मुख्यमंत्री बनाए. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी हाल ही में एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए हैं. आरजेडी ने उनके बेटे संतोष मांझी को विधान परिषद का उम्मीदवार भी बनाया है.
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने दो दिन पहले कहा था कि आरजेडी दलितों की बात करती है तो वो क्यों नहीं जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करती है. जबकि नीतीश कुमार ने तो अपना ताज उतारकर महादलित के नाम पर जीतनराम मांझी को सौंप दिया था. अब आरजेडी को चाहिए कि वो जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव मैदान में उतरे.
रामविलास ने यहां तक कहा कि आरजेडी में लालू यादव के परिवार के बाहर किसी को कुछ नहीं मिल सकता है. लेकिन इस बार आरजेडी ने विधान परिषद के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के अलावा जिन तीन लोगों को टिकट दिया है वो सभी परिवार के बाहर के हैं और सबसे बड़ी बात पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे को राजनीति में स्थापित करने का मौका दे दिया.
जीतनराम मांझी जिस उम्मीद में बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल हुए थे वो उम्मीद पूरी नहीं हुई थी. बेटे को सीट नहीं मिली लेकिन आरजेडी ने यह मौका उन्हें दे दिया. हालांकि उनका बेटा पहले से ही आरजेडी में था पर जीतनराम मांझी के महागठबंधन में शामिल होने के बाद टिकट पक्का हो गया.