बिहार के नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को नामित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि महादलित नीत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें.
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए मोदी का कामकाज देखने का समय आ गया है. मुसहर समुदाय से आने वाले मांझी ने कहा, 'यदि मोदी को गरीबों, पिछड़ों और समाज के वंचित तबके से थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो वे एक महादलित के नेतृत्व वाले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे.'
चुनाव प्रचार के दौरान बिहार की जनता से किए गए वादे की ओर इशारा करते हुए मांझी ने कहा, 'अब देखना है मोदी का काम, बातें करना और करना अलग है.' उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए केन्द्र ने बराबर सौतेला व्यवहार किया है. रघुराम राजन कमेटी ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लायक पाया था, लेकिन आज तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.
मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जो लड़ाई प्रारंभ की थी, उसे जारी रखा जाएगा. उन्होंने कहा, 'इसे हासिल करने तक हम लड़ाई जारी रखेंगे. बिहार केंद्र की नई सरकार पर दबाव बनाए रखेगी.' यह कहे जाने पर कि उन्हीं की तरह मोदी भी एक अत्यंत पिछड़ी जाति से आते हैं, मांझी ने कहा, 'मैं मोदी की जाति के बारे में नहीं जानता, लेकिन उन्होंने स्वयं ही चुनाव प्रचार के दौरान इसे प्रचारित किया है.'
उन्होंने कहा कि वे यहां इसलिए हैं क्योंकि नीतीश कुमार ने कुछ अप्रत्याशित प्रयोग किया है. एक महादलित परिवार से आने वाले मांझी ने बचपन में चरवाहा, बाद में खेतिहर मजदूर और फिर क्लर्क से आज मुख्यमंत्री तक का सफर पूरा किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी राजनीति को सत्ता हासिल करने का जरिया नहीं समझा और उनके लिए यह समाजिक काम है. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार द्वारा शुरू की गई सभी विकास योजनाओं को गति देना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने जिन कार्यों को अपने हाथ में लिया था, उन्हें पूरा करूंगा. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और मांझी को अपना उत्तराधिकारी मनोनीत कर दिया.