बिहार की राजनीति में नित नए समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर भी जारी है. रविवार को अमित शाह के बेटे के रिसेप्शन में शरीक होने के लिए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दिल्ली पहुंच चुके हैं. दिलचस्प यह है कि राष्ट्रीय राजधानी के पश्चिम बंगाल हाउस में उन्होंने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से भी मुलाकात की है. जबकि लालू प्रसाद के साले साधु यादव ने मांझी का समर्थन किया है. साधु ने कहा कि लालू आज सामंती ताकतों से साथ खड़े हो गए हैं. लेकिन 20 फरवरी को मांझी अपना बहुमत जरूर सिद्ध करेंगे.
पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण बहुत पहले ही आरजेडी से निकाले जा चुके साधु यादव ने कहा, 'अगर मांझी बहुमत सिद्ध नहीं कर सके तो जनता के बीच जाएंगे.' दूसरी ओर जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मलेन में राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर हमला किया गया. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राज्यपाल सुशील मोदी की भाषा बोल रहे हैं. सिंह ने कहा, 'गर्वनर नीतीश के खिलाफ आपत्तिजनक बयान और भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. राज्यपाल बताएं की मांझी के पास किसका समर्थन है.'
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बेलगाम घोषणाओं के जरिए राज्य को कंगाल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर ऐसे ही घोषणाएं होती रहीं तो राज्य में कर्मचारियों को सैलरी देने लायक भी पैसा नहीं बचेगा.
मोदी पर हमला
बीजेपी को राजनीति का घिनौना खेल करने वाला बताते हुए वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार में सबकुछ नरेंद्र मोदी के इशारे पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि जीतनराम मांझी के संबंध आरएसएस से रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने भी राज्यपाल के निर्णय को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि मांझी दलितों के बीच इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं. राज्यपाल से अपील है कि वो तमाम नीतिगत निर्णय पर रोक लगाएं.
वेंकैया का पलटवार
बिहार में राजनीतिक संकट के लिए नरेंद्र मोदी का हाथ होने के आरोपों को केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने खारिज किया है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति जेडीयू के आंतरिक कलह के कारण पैदा हुई हैं. वेंकैया ने कहा, 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मोदीजी की इसमें कोई भूमिका नहीं है. नीतीश अपनी विफलताओं के कारण मोदी और केंद्र पर आरोप लगा रहे हैं. नीतीश से किसने कहा था कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और किसने कहा था कि जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाए. उन्हें दुष्प्रचार अभियान बंद करना चाहिए.'