बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक मांझी की यह मुलाकात वैसे तो शिष्टाचार के तहत की गई थी, मगर माना यह जा रहा है कि मांझी ने नीतीश से उनके दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को शामिल करने पर चर्चा की है.
नाराज बताए जा रहे थे जीतनराम मांझी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वास मत जीतने के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. इसमें 27 मंत्रियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 14 जेडीयू के थे, 12 BJP के और एक लोक जनशक्ति पार्टी के. जानकारी के मुताबिक मांझी इस बात को लेकर ज्यादा नाराज थे कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में होने के बावजूद उनकी पार्टी को नजर अंदाज किया गया. वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस को मंत्री बनाया गया. गौरतलब है कि पशुपति पारस रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं, मगर फिलहाल ना ही विधान सभा के सदस्य है ना ही विधान परिषद के.
बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए जीतन राम मांझी ने भी अपनी पार्टी से तीन नाम आगे बढ़ाया था, जिसमें से एक वृषण पटेल थे और दूसरे महाचंद्र प्रसाद. मगर माना जा रहा है कि मांझी अपने बेटे को मंत्री बनाने के लिए ज्यादा इच्छुक थे और इसके लिए उन्होंने दिल्ली जाकर बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात भी की थी, मगर उनकी दाल नहीं गली.
मांझी ने लगाए भेदभाव के आरोप
इसके बाद मांझी ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के साथ भेदभाव किया जा रहा है. ऐसे में मंगलवार को मांझी की नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार जो कि अगस्त के महीने में ही होने की संभावना है, उसमें मांझी की पार्टी से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है.