बिहार में विजयादशमी के दिन जहां दुर्गा पूजा समितियों द्वारा रावण बध की तैयारी चल रही हैं, वहीं रावण वध के बहाने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने न केवल बिहार सरकार पर हमला बोला है, बल्कि अपनी जान को भी नक्सलियों से खतरा बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वो नक्सलियों के हिट लिस्ट में हैं और हर समय उनकी जान को नक्सलियों से खतरा बना रहता है. इसके बाबजूद सरकार को उनकी सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.
'केंद्र सरकार के इंतजाम नाकाफी'
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि आईबी ने उन्हें सूचना दी है कि वो सावधानी बरतें, क्योंकि वो नक्सलियों के हट लिस्ट में हैं और नक्सली कभी भी किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा में लगाए गए जेड प्लस की सुरक्षा पर्याप्त नहीं है, जिस कारण उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी के काम से उन्हें देशभर का दौरा करना पड़ता है, इसलिए केंद्र सरकार को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि वो जहां भी जाएं वहां केंद्र सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएं.
मांझी ने कहा कि उनके घर पर उनके सुरक्षा को लेकर थाना का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था ही नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि वो तो नक्सलियों के निशाने पर हैं ही, उनके पूरे परिवार पर भी हर समय खतरा मंडराता रहता है.
'बिहार लूटने वालों का हो वध'
पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार सरकार पर वार करते हुए कहा कि बिहार सरकार को रावण का बध करने की जगह उन लोंगो का वध करना चाहिए जो लोग बिहार को लूटने में लगे हैं. मांझी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जाति विशेष के पुलिस पदाधिकारियों को बिहार को लूटने के लिए अच्छे-अच्छे जगहों पर तैनात कर दिया जाता है, जबकि अति पिछड़ा, एससी और एसटी वर्ग के पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती मरने के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में किया जाता है.