scorecardresearch
 

मंझधार में यूं ही बदलती रही है मांझी की नाव, 13 साल बाद फिर RJD के साथ

बीजेपी के साथ बिहार विधानसभा 2015 का चुनाव लड़ने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी राजग से अलग हो गए हैं. इसके साथ ही मांझी ने तेजस्वी के न्यौते पर आरजेडी से राजनीतिक गठबंधन कर लिया है.

Advertisement
X
जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी

Advertisement

बिहार के पूर्व सीएम और महादलित नेता जीतनराम मांझी के राजनीतिक जीवन का पहिया घूमकर एक बार फिर वहीं आ गया है, जहां से उन्होंने शुरुआत की थी. जी हां, कभी कांग्रेस और आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जीतनराम मांझी ने अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को बिहार महागठबंधन में शामिल करने का फैसला किया है.

मांझी ने छोड़ा राजग का साथ

बीजेपी के साथ बिहार विधानसभा 2015 का चुनाव लड़ने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी राजग से अलग हो गए हैं. इसके साथ ही मांझी ने तेजस्वी के न्यौते पर आरजेडी से राजनीतिक गठबंधन कर लिया है.

बिहार चुनाव में मिली थी एक सीट

जीतनराम मांझी को जेडीयू में रहते हुए कभी नीतीश की कुर्सी दी गई, तो कभी छीन ली गई. जेडीयू से अलग हो कर नई पार्टी HAM बनाई और 2015 का चुनाव लड़ने के लिए राजग में शामिल हुए, लेकिन सिर्फ एक ही सीट जीत पाए. बिहार 2015 के चुनाव में आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस, सपा, एनसीपी के महागठबंधन को सफलता मिली. नीतीश कुमार ने सीएम तो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम का पद संभाला. हालांकि इस महागठबंधन में जुलाई, 2017 को दरार पड़ गई और जेडीयू ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली.

Advertisement

जब सीएम पद नहीं छोड़ना चाहते थे मांझी

नीतीश सरकार में एससी और एसटी मंत्री रहे जीतनराम मांझी 20 मई 2014 को बिहार के मुख्यमंत्री बने क्योंकि नीतीश कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था. हालांकि 22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार मांझी को हटाकर फिर से सीएम बन गए. उस दौरान मांझी सीएम पद नहीं छोड़ना चाहते थे और अपनी कुर्सी बचाने के लिए मांझी ने बहुत कोशिश भी की थी.

रह चुके हैं कांग्रेस और आरजेडी के सदस्य

साल 1990 तक मांझी कांग्रेस सदस्य रहे और कांग्रेस के टिकट पर 1980 से 1990 तक विधायक बने. इसके बाद मांझी आरजेडी में शामिल हो गए और चुनाव लड़कर 1996 से 2005 विधायक बने रहे. साल 2005 में उन्होंने जेडीयू ज्वॉइन कर ली. मांझी को जब फरवरी 2015 में सीएम पद से हटाया गया, तब उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया. मांझी ने 8 मई, 2015 को औपचारिक तौर पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा नाम की पार्टी बनाई, जिसे चुनाव आयोग की ओर से जुलाई 2015 में मान्यता दी गई.

Advertisement
Advertisement