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बिहार में पिछले कुछ दिनों में जहरीली शराब से हुई दर्जनों मौत के बाद शराब बंदी कानून को नए सिरे से सख्ती से लागू करने और जन जागरूकता के लिए आज से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान की शुरुआत की है. नीतीश कुमार ने यह अभियान पूर्वी चंपारण से शुरू किया, जहां से महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शुरुआत की थी.
जीविका दीदी को नीतीश की नसीहत
मोतिहारी में हुए एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों के साथ संवाद किया और उनसे कहा कि अपने क्षेत्र में शराब बंदी कानून को लागू कराने और लोगों को उसके बारे में जागरूक बनाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर है. नीतीश कुमार ने कहा 'समाज सुधार के बिना विकास कार्यों का कोई मतलब नहीं है. हम चाहते हैं कि जीविका दीदी अपने - अपने क्षेत्र में इस समाज सुधार अभियान को चलाएं.'
'बन रहा शराबबंदी कानून का मजाक'
चौंकाने वाली बात यह है कि जैसे ही नीतीश कुमार इस कार्यक्रम से रवाना हुए वैसे ही बिहार में शराबबंदी की पोल खुद जीविका दीदियों ने ही खोल दी. आज तक ने इस कार्यक्रम में मौजूद कुछ जीविका दीदियों से बात की तो उन्होंने बताया कि किस तरीके से बिहार में शराबबंदी कानून का मजाक बनाया जा रहा है.
'बड़े लोग हैं.. हमने रोका तो बेटे- पति को मार देंगे'
जीविका दीदियों ने बताया कि भले ही उनके ऊपर इस बात की जिम्मेदारी है कि वह अपने अपने क्षेत्र में शराब बंदी कानून को लेकर लोगों को जागरूक करें और शराब नहीं पीने के लिए लोगों को प्रेरित करें. मगर हालात ऐसे हैं कि जीविका दीदियों को ना केवल शराब माफिया बल्कि पुलिस के द्वारा भी ऐसा करने के लिए प्रताड़ित किया जाता है. मोतिहारी के शंकर सरैया गांव में काम कर रही जीविका दीदी इश्रवती देवी ने कहा "हमारे गांव में घर घर शराब पी जाती है और बिकती भी है..थाने पर जाते हैं तो पुलिस घुस खा लेती है और दारू बिकती रहती है...हमलोग रोकेगा तो उ लोग बड़का आदमी है...बेटा पति को मार देगा."
'हम रोकें तो पूरा गांव आकर पीटता है'
जीविका दीदी प्रभावती देवी ने कहा कि झगड़ा गाली गलौज मारा मारी होती है..हमलोग रोकते हैं तो पूरा गांव आकर पीटता है हमलोगों को...महिलाएं भी दारू बनाती है और बेचती भी है". दूसरी तरफ अगर शराब बंदी कानून को लेकर बिहार में हो रही राजनीति की बात करें तो खुद एनडीए सरकार के दो सहयोगी दल बीजेपी और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने के लिए कहा है.
'शराबबंदी कानून पर विचार की जरूरत'
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि उनके लोकसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण में शराब माफिया पुलिस और प्रशासन के साथ सांठगांठ करके शराब का धंधा चला रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार से मांग की थी कि बिहार में शराबबंदी कानून पर विचार किया जाना चाहिए.
मांझी ने कहा था- थोड़ी-थोड़ी पिया करो
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी समय समय पर नीतीश कुमार के शराब बंदी कानून की हवा निकालते रहते हैं. बीते दिनों जीतन राम मांझी ने गरीब लोगों से अपील की थी कि वह शराब का सेवन करें मगर लिमिट में और रात में 10 बजे के बाद पिएं. मांझी ने कहा था कि जिस तरीके से बिहार में बड़े-बड़े लोग (नौकरशाह, आईएएस अधिकारी और आईपीएस अधिकारी) रात में 10 बजे के बाद घर में शराब पीते हैं, वैसे ही गरीब लोगों को भी करना चाहिए.
मांझी ने कहा था कि बड़े-बड़े लोग रात में शराब पीने के बाद घर से नहीं निकलते हैं इसीलिए पकड़े नहीं जाते. मगर गरीब लोग शराब पीने के बाद चौक चौराहे पर निकल जाते हैं और पकड़े जाते हैं. बहरहाल, बीजेपी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विरोध के बावजूद भी नीतीश कुमार ने एक बार फिर से शराब बंदी कानून के लिए समाज सुधार अभियान की शुरुआत की है.इससे साफ स्पष्ट है कि बिहार में शराबबंदी जारी रहेगी और नीतीश अपने सहयोगियों के दबाव में नहीं आने वाले.