बिहार के अरवल जिले में गुरुवार को एक स्थानीय पत्रकार पर लूटपाट के इरादे से हमला किया गया. हमलावर लुटेरों ने दैनिक समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा के स्थानीय पत्रकार पंकज मिश्रा को गोली मार दी.
पंकज मिश्रा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं और अरवल जिले के वंशी प्रखंड के कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जानकारी के मुताबिक गुरुवार की सुबह बैंक से 1 लाख रुपए निकालने के बाद पंकज अपने गांव वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में दो लोगों लूट के इरादे से पंकज मिश्रा की गाड़ी रुकवाई और उनके पैसे छीन लिए. जब पंकज मिश्रा ने इसका विरोध किया तो अपराधियों ने उनके पीठ में गोली मार दी और मौके से फरार हो गए.
स्थानीय निवासियों ने पंकज को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. पीएमसीएच सूत्रों के मुताबिक पंकज की हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं.
वारदात की जानकारी मिलने के बाद अरवल पुलिस हरकत में आई और दोनों संदिग्ध हमलावरों की धरपकड़ के लिए छापेमारी शुरू की. कुछ ही देर में दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया.
गिरफ्तार किए गए संदिग्ध कुंदन और अंबिका, पीड़ित के चचेरे भाई हैं और उनके पड़ोस में ही रहते हैं. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि कुंदन जदयू के स्थानीय विधायक सत्यदेव कुशवाहा के निजी सचिव का बेटा है और एक महीने पहले ही एक मामले में जेल की सजा काट कर बाहर निकला है.
अरवल के SP दिलीप मिश्रा के मुताबिक पूछताछ के दौरान कुंदन और अंबिका ने अपना जुर्म कबूल लिया है. दोनों हमलावरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने लूट के इरादे से पंकज पर हमला किया. अरवल एसपी ने इस बात से इनकार किया है कि पंकज पर हुए हमले का उनकी पत्रकारिता से कोई संबंध है.
हालांकि, पटना के पीएमसीएच में इलाज करा रहे पंकज ने इस बात की आशंका जताई है कि हो सकता है कि उनकी पत्रकारिता से परेशान होकर उन पर हमला किया गया हो. पंकज ने यह मांग भी की है कि सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए.
पंकज मिश्रा अपने गांव में कौशल विकास सेंटर भी चलाते हैं.