लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में मचे घमासान के बीच दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी का बयान आया है. राजकुमारी देवी ने अपने बड़े देवर पशुपति कुमार पारस को नसीहत दी है.
राजकुमारी देवी ने कहा कि पशुपति कुमार पारस को पहले अपने परिवार को टूटने से बचना चाहिए. रामविलास पासवान ने इस परिवार को अपने संघर्ष और मेहनत से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाया है. लिहाजा पशुपति कुमार पारस को एक अभिभावक के नाते चिराग पासवान को समझाना चाहिए और उनकी छोटी गलती को माफ करना चाहिए.
खगड़िया जिला के शाहरबन्नी गांव स्थित अपने आवास पर राजकुमारी देवी ने आजतक से कहा कि चाचा-भतीजे के बीच हो रहे विवाद से उन्हें काफी दुख पहुंचा है. आज साहब (रामविलास पासवान) जिंदा रहते तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती. साहब (रामविलास पासवान) अपने तीनों भाइयों को अपने बेटे की तरह प्यार और सम्मान दिया. मैंने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि साहब के बनाए परिवार में बिखराव होगा.
दिवंगत रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी अपने ससुराल शाहरबन्नी में ही रहती हैं. शाहरबन्नी गांव खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड में है, जो दिवंगत नेता रामविलास पासवान का पैतृक गांव है.
गौरतलब है कि पशुपति पारस समेत कुल पांच सांसदों ने खुद को चिराग पासवान से अलग कर दिया था. पशुपति पारस ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिख खुद को संसदीय दल का नेता बनाने की अपील की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया था. चिराग पासवान ने भी निर्णय लेते हुए पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया था.
बुधवार को लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने पार्टी में चल रहे घमासान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. चिराग पासवान ने जदयू पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि उनके चाचा को किसी तरह की बैठक बुलाने या फैसला लेने का अधिकार नहीं है.