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कौन हैं सिवान के खान ब्रदर्स जो उजाड़ रहे शहाबुद्दीन का साम्राज्य? रईस खान के पिता के अपहरण से शुरू हुई थी अदावत

बिहार के सिवान को आरजेडी के दिवंगत पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन अब खान ब्रदर्स का नाम वहां गूंज रहा है. जानिए रईस खान कौन हैं और उनकी शहाबुद्दीन के परिवार से क्या दुश्मनी है.

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दिवंगत शहाबुद्दीन और रईस खान
दिवंगत शहाबुद्दीन और रईस खान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शहाबुद्दीन की मई 2021 में मौत हो गई थी
  • रईस खान ने हाल में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा पर हमला कराने के आरोप लगाए थे

बिहार का सिवान शहर. कभी यहां की फिजाओं में बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी. लेकिन अब शहाबुद्दीन के मरने के बाद वहां हालात बदल गए हैं. नए बाहुबली का नाम वहां गूंजता सुनाई दे रहा है. यह नाम है खान ब्रदर्स (khan brothers siwan) के रईस खान का. सिवान के खान ब्रदर्स अयूब खान (बड़ा भाई) और रईस खान (छोटा भाई) पर बिहार सहित कई राज्यों के अलग-अलग थानों में अपराध की लंबी फेहरिस्त दर्ज है.

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शहाबुद्दीन और रईस खान के बीच की दुश्मनी भी पुरानी है जो अबतक चली आ रही है. पिता की किडनैपिंग से शुरू हुई यह अदावत अबतक जारी है. हाल ही में भी रईस खान पर हमला हुआ था, जिसका आरोप उन्होंने शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा पर लगाया था.

खान ब्रदर्स पर हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी के मामले दर्ज हैं. खान ब्रदर्स की खासियत ये रही है कि इन लोगों ने हमेशा पूर्व बाहुबली और सिवान के डॉन शहाबुद्दीन का हमेशा विरोध किया है. बड़ा भाई अयूब खान फिलहाल ट्रिपल मर्डर के आरोप में जेल में बंद है.

खान ब्रदर्स पर संगीन आरोप

आरोप है कि कुछ महीने पहले सिवान के विशाल सिंह, अंशु सिंह और प्रमेंद्र यादव की हत्या कर अयूब खान ने लाश को गायब कर दिया था. पुलिस की जांच में बात सामने आई थी कि बड़े खान ने इन तीनों के लाश को टुकड़े-टुकड़े कर नदी के घाट पर दफना दिया था.

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रईस खान (फाइल फोटो)

दूसरी ओर रईस खान ने शहाबुद्दीन की तरह सियासत में भी हाथ आजमाने की कोशिश की. रईस खान ने विधान परिषद का चुनाव सिवान से लड़ा था. रईस की वजह से ही यहां बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी तीसरे नंबर पर चली गई. जबकि रईस खान दूसरे नंबर पर रहा. रईस को इस चुनाव में 1366 वोट मिले थे. सिवान में रईस खान यह दिखाने की कोशिशों में है कि शहाबुद्दीन नहीं बल्कि उसका परिवार मुस्लिमों का नेता है.

शहाबुद्दीन पर लगा था रईस के पिता के अपहरण का आरोप

बात साल 2005 की है, जब खान ब्रदर्स के पिता कमरूल हक खान, सपा से रघुनाथपुर विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे. ठीक उसी वक्त कमरूल हक की किडनैपिंग हो गई. अपहरण का आरोप शहाबुद्दीन पर लगा. आज भी रईस खान इस बात को नहीं भूला है और गाहे-बगाहे फेसबुक पर आकर इस बात को बताता है.

यह भी पढ़ें - दिल्ली: विवाद के बाद बीच में रोका गया पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कब्र का निर्माण, कब्रिस्तान में बुलानी पड़ी पुलिस

बीते चार अप्रैल को रात में जब रईस खान अपने गांव ग्यासपुर जा रहा था, तभी महुवल गांव के पास उसपर एके 47 से हमला किया गया. रईस इस हमले में बाल-बाल बच गया. लेकिन उसने इस हमले को लेकर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा सहित कुल आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई. रईस ने घटना के बाद नामजद लोगों पर हुसैनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.

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डांसर संग रईस का वीडियो वायरल

प्राथमिकी में रईस ने ओसामा सहित अन्य लोगों पर खुद को मारने की साजिश की बात कही. उसके ठीक चार दिन बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया. जिसमें रईस खान एक डांसर को बार-बार पकड़ रहा है. उसमें एक दूसरा वीडियो भी था जिसमें रईस के गुर्गे डांसर्स के साथ जमकर मस्ती कर रहे हैं. इस वीडियो में काफी सारे हथियार भी देखे गए.

वीडियो वायरल होते ही रईस मीडिया के सामने आ गया. उसने कहा, 'ये वीडियो 15 साल पहले का है. अब मैं पहले वाला रईस खान नहीं हूं. पहले वाला रहता तो मेरे ऊपर हमले होने के बाद उसका हिसाब-किताब हो गया होता.'

आगे उसने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए शहाबुद्दीन के परिवार पर हमला किया और कहा कि क्या सिवान में सिर्फ शहाबुद्दीन का परिवार ही राजनीति करेगा? रईस ने ओसामा और शहाबुद्दीन की पत्नी को आड़े हाथों लेते हुए उनपर सियासी तंज कसा और कहा कि आने वाले दिनों में वो 2024 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ेगा.

सिवान के लोगों में डर

इधर कई दशकों तक बाहुबलियों के आतंक से परेशान रहे सिवान के लोग रईस खान की सियासत से डरे सहमे हैं. स्थानीय लोगों को लगता है कि एक बार फिर सिवान कहीं दो परिवारों के आपसी गैंगवार का शिकार ना हो जाए. लोगों का कहना है कि आखिर प्रशासन किसका इंतजार कर रहा है.

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इधर ओसामा का नाम बीच में आने के बाद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना ने मीडिया से बातचीत में आंचल फैलाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सिवान प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि ओसामा को न्याय मिलना चाहिए. हिना ने सिवान छोड़ने की भी बात कही.

वहीं शहाबुद्दीन के समर्थकों का कहना है कि जिस दिन रईस पर हमला हुआ, उसके पहले ओसामा अपनी पत्नी के साथ बाहर था, उसपर गलत केस दर्ज हुआ है. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या सिवान एक बार फिर सियासत और गैंगवार के बीच फंस जाएगा?

 

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