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बिहार में प्यार के लिए अपहरण के मामलों में वृद्धि

कहा जाता है कि लड़ाई और प्रेम में सब कुछ जायज है. जब प्यार किया तो डरना क्या है. अपहरण के लिए बदनाम रहे बिहार में एक बार फिर यह कहावत चरितार्थ हो रही है. यहां प्यार के लिए अपहरण की घटनाओं में वृद्घि हुई है.

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कहा जाता है कि लड़ाई और प्रेम में सब कुछ जायज है. जब प्यार किया तो डरना क्या है. अपहरण के लिए बदनाम रहे बिहार में एक बार फिर यह कहावत चरितार्थ हो रही है. यहां प्यार के लिए अपहरण की घटनाओं में वृद्घि हुई है.

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आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में प्रतिदिन प्यार पाने के लिए किए जाने वाले अपहरण के नौ से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं.

बिहार के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का मानना है कि प्रारंभ में तो लड़कियों के परिजन अपहरण की घटना को जोड़कर लड़की के अगवा होने का मामला दर्ज कराते हैं, परंतु जांच के बाद मामला प्रेम प्रसंग का निकल जाता है. ऐसे में पुलिस को भी कई परेशानी का सामना करना पड़ता है.

गौरतलब है कि बिहार में अन्य तरह के अपहरण की घटनाओं में कमी आई हैं, जबकि प्यार के लिए अपहरण की घटनाओं में वृद्घि दर्ज की गई है. अगर सभी तरह के अपहरण की घटनाओं को जोड़ दिया जाए तो अपहरण में प्रेम कनेक्शन के आंकड़ें सभी पर भारी पड़ रहे हैं.

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पुलिस मुख्यालय में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक गुजरे वर्ष 2012 में इश्क के चक्कर में घर से भागने या अपहरण की 405 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसमें सबसे ज्यादा जून महीने में 50 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इन 405 घटनाओं में मात्र तीन घटनाएं ही अनुसंधान के बाद गलत निकली हैं.

आंकड़ों के मुताबिक पूरे बिहार में पिछले वर्ष हत्या के लिए अपहरण के 278 मामले दर्ज किए गए है, जबकि पैसे वसूली के लिए मात्र 86 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं. बिहार में प्रेम कनेक्शन के अलावा विवाह के लिए अपहरण की घटनाओं में भी अभूतपूर्व वृद्घि हुई है.

वर्ष 2012 में विवाह के लिए अपहरण की 3007 घटनाएं विभिन्न थानों में दर्ज की गई हैं, जिसमें जांच के बाद 15 मामले गलत साबित हुए. अगर दोनों तरह के मामलों को जोड़ दिया जाए तो बिहार में प्रेम कनेक्शन और विवाह के लिए अपहरण के पिछले वर्ष कुल 3412 मामले दर्ज किए गए हैं.

पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि ऐसी घटनाएं पुलिस के लिए मुसीबत बन गई हैं. वे कहते हैं कि ऐसी घटनाओं में यह भी डर रहता है कि कहीं प्रेमी-प्रेमिका गलत हाथों में न पड़ जाएं. दो दिन पूर्व राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य में अन्य अपहरण की घटनाओं में कमी जरूर हुई है, परंतु प्रेम से जुड़े मामलों के कारण लोग घर छोड़ रहे हैं.

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इधर, राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद भी कहते हैं कि अपहरण किसी भी कारण से हुआ हो, पुलिस मामला दर्ज कर जांच करती है और कानूनी प्रक्रिया के तहत कारवाई भी करती है. ऐसे में पुलिस को आंकड़ों से फर्क नहीं पड़ता. पुलिस की अपनी प्रक्रिया है.

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