बिहार की गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. गोपालगंज में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जीत मिली तो वहीं मोकामा में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की उम्मीदवार नीलम देवी विजयी रहीं. दो सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आए ही थे कि अब सूबे की एक और सीट पर उपचुनाव का शोर शुरू हो गया है. ये सीट है मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट.
कुढ़नी विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर अनिल सहनी विधायक निर्वाचित हुए थे. अनिल सहनी को एलटीसी घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई थी. अनिल सहनी की विधायकी जाने के बाद रिक्त कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के कार्यक्रम का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है.
कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 10 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 17 नवंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे और इनकी जांच 18 नवंबर को होगी. नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 21 नवंबर है और मतदान 5 दिसंबर को होगा. काउंटिंग 8 दिसंबर को होगी.
मुजफ्फरपुर में बढ़ी सियासी हलचल
कुढ़नी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव का ऐलान होने के साथ ही उत्तर बंगाल की राजधानी कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सत्ताधारी महागठबंधन के साथ ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) में टिकट को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है. टिकट के दावेदार पटना से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं.
हर सियासी दल के कद्दावर नेताओं के साथ ही इलाके में पकड़ रखने वाले नए चेहरे भी अपने-अपने पक्ष में समीकरण बनाने में जुट गए हैं. बीजेपी से सुशील मोदी और पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा के करीबी केदार गुप्ता ने टिकट के लिए दावेदारी की है वहीं युवा शशि रंजन, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के करीबी विवेक ठाकुर भी टिकट की रेस में हैं. बीजेपी से मनीष कुमार, राम कुमार झा के नाम की भी चर्चा है.
पत्नी को टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे अनिल
एलटीसी घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद विधायकी गंवाने वाले अनिल सहनी अपनी पत्नी को आरजेडी से टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं. जेडीयू नेता पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा को भी नीतीश कुमार के करीबी होने का लाभ मिलने का उम्मीद है. पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा के बेटे राजीव शर्मा ने हाल ही में जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह से मुलाकात की थी जिसके बाद कुढ़नी सीट से टिकट के दावेदारों की सूची में उनका नाम भी शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं.
आरजेडी से शेखर सहनी भी होड़ में हैं जिन्हें पिछले चुनाव में आरजेडी का टिकट पाने से चूक गए थे. एनडीए और महागठबंधन, दोनों ही खेमों से कई कद्दावर नेताओं के साथ युवा चेहरे टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. इसके अलावा समाजवादी पृष्ठ भूमि के मुक्तेश्वर सिंह को भी आरजेडी से टिकट की रेस में शामिल माना जा रहा है जिन्होंने बोचहां उपचुनाव में तेजस्वी के A टू Z फार्मूले में अहम भूमिका निभाई थी. कुढ़नी उपचुनाव की अटकलों के बीच वे कई बार तेजस्वी से मिले. वे आरजेडी के दिग्गज भोला यादव और वृषण पटेल के भी करीबी हैं.
वीआईपी भी मैदान में
वीआईपी ने गोपालगंज और मोकामा उपचुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी का समर्थन किया था. पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कुढ़नी उपचुनाव में वीआईपी का उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर सस्पेंस क्रिएट कर दिया है. हक-ए-हिंदुस्तान नाम से संगठन चलाने वाले तमन्ना हाशमी भी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से टिकट मांग रहे हैं.
पिछले चुनाव में हुई थी कांटे की टक्कर
साल 2020 के बिहार चुनाव में मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी सीट पर बीजेपी ने आरजेडी को कड़ी टक्कर दी थी. आरजेडी के अनिल सहनी ने करीबी मुकाबले में बीजेपी के केदार गुप्ता को 712 वोट के अंतर से हराया था. 2015 के चुनाव में बीजेपी के केदार गुप्ता ने जेडीयू के मनोज कुशवाहा, 2010 में जेडीयू के मनोज कुशवाहा ने लोक जनशक्ति पार्टी के विजेंद्र चौधरी को हराया था.