20 साल की दुश्मनी के बाद सियासत के नए दोस्त नीतीश कुमार और लालू यादव के गठबंधन का भविष्य क्या है, यह तो बिहार में हो रहे 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीज तय करेंगे. लेकिन इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के एक बयान के कारण गठबंधन में दरार पैदा होने के आसार बन गए हैं.
दरअसल, चुनावी कैंपेन के दौरान लालू यादव पर नीतीश कुमार को लेकर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा है. भागलपुर में 18 अगस्त को एक रैली में जेडीयू के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन को सही ठहराते हुए लालू यादव ने कहा, 'जब नीतीश मेरे गोर (पैर) में गिर गया तो क्या हम उन्हें उठाकर फेंक देते.'
इस बयान को लेकर गठबंधन में बवाल मच गया. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने सभी नेताओं को नसीहत दी कि वह एक-दूसरे के बारे में ऐसी बयानबाजी न करें. जेडीयू नेता शकुनि चौधरी आरजेडी सुप्रीमो के इस बयान से बेहद नाराज हैं. नाराजगी ऐसी कि उन्होंने नीतीश और लालू को सियासत छोड़ने की सलाह तक दे दी.
शकुनि चौधरी ने कहा, 'जब से जेडीयू-आरजेडी का गठबंधन हुआ है, लालू हर दिन नीतीश कुमार का अपमान कर रहे हैं पर नीतीश को कोई फर्क नहीं पड़ता. लालू ने नीतीश के बार में अपमानजनक बातें कहीं. मैं शर्मसार हूं और नीतीश जी से अपील करता हूं कि वह इस गठबंधन को तोड़ दें.'
बवाल मचने के बाद लालू यादव की सफाई भी आ गई. उन्होंने इस तरह का बयान देने का इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने भाषण में गोर (पांव) शब्द का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि गोद कहा था.'
उन्होंने कहा, 'बीजेपी हमारे गठबंधन से घबरा गई है. तभी इस तरह की साजिश रची जा रही है. बीजेपी यह गठबंधन तोड़ना चाहती है ताकि एक बार फिर नीतीश के साथ दोस्ती कर सके. नीतीश तो मेरे भाई जैसा है. बीजेपी नेताओं ने उसे बरगलाकर मुझसे दूर किया था.'
लालू की इस सफाई को बीजेपी को खारिज कर दिया. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू ने नीतीश के बारे में आपत्तिजनक बातें कही थीं. उन्होंने कहा, 'नीतीश एक ऐसे गठबंधन का हिस्सा बने हैं जहां उनका अपमान हो रहा है. इससे बिहार के लोगों को गलत संदेश गया है. कोई अच्छा शख्स बिहार में लालू के साथ गठबंधन नहीं करेगा.'